यह भी पढ़ें-
कच्ची शराब की सच्ची कहानी, जानिए महज दस रुपये में कैसे तैयार किया जाता है मौत का पव्वा बता दें कि
अलीगढ़ जिले में थाना लोधा क्षेत्र के करसुआ गांव और खैर थाना क्षेत्र के अंडला और जवां थाना क्षेत्र के छेरत गांव में ग्रामीणों ने अलग-अलग देसी शराब के ठेकों से शराब खरीदकर पी थी। शराब पीने के बाद रात के समय लोगों की तबीयत खराब होने लगी और इसके बाद शुरू हुआ मौतों का सिलसिला अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार रात तक 27 लोगों की मौत हो चुकी थी। लगातार मौतों के बाद प्रशासन ने देसी शराब के ठेकों की बंदी के आदेश दिए। इसके बावजूद पिसावा थाना क्षेत्र के शादीपुर और जट्टारी गांव में ग्रामीणों ने शराब खरीदकर पी, जिससे शनिवार सुबह शादीपुर में आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई। इसी तरह लोधा में 11, खैर और जवां में दो-दो, गभाना में तीन और टप्पल में एक की मौत हुई।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि शराब कांड में अभी तक आधा दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जवां थाने में मुकदमा दर्ज होने के बार जिला पंचायत सदस्य रेनू शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है। जिसकी निशानदेही पर शराब की बोतल के सैकड़ों ढक्कन, गुड इवनिंग ब्रांड के रैपर और सील ढक्कन बरामद किए गए हैं। जवां थाने में कपिल शर्मा पर दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। शराब कांड के आरोपी भाजपा नेता ऋषि शर्मा और विपिन यादव का फिलहाल सुराग नहीं लग सका है। इन दोनों पर 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित है। पुलिस की आधा दर्जन टीमें लगातार आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
शासन को भेजी गोपनीय जांच रिपोर्ट जांच रिपोर्ट में खुलास हुआ कि मिलावटी और जहरीली शराब का गौरखधंधा आबकारी विभाग की मिलीभगत से ही फल-फूल रहा था। डीएम चंद्रभूषण सिंह और एसएसपी कलानिधि ने शासन को संयुक्त जांच रिपोर्टभेजी है। रिपोर्ट में आबकारी विभाग के सिपाही से लेकर अधिकारियों की मिलीभगत होना बताया गया है। बताया जा रहा है कि कार्रवाई से पहले ही कर्मचारी शराब माफिया को सूचना दे देते थे। अधिकारी भी केवल दिखाने के लिए ही कार्रवाई करते थे। कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। जिलाधिकारी ने बताया कि फिलहाल शासन को प्राथमिक गोपनीय जांच भेजी गई है।
अब गांवों में कराई जा रही ये मुनादी जिला प्रशासन की ओर अब ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव मुनादी कराई जा रही है। राजस्व और लेखपाल टीमें गांव-गांव पहुंचकर ग्रामीणों से कुछ दिन तक देसी शराब नहीं पीने की अपील कर रहे हैं। ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि देसी शराब पीने से कई लोगों की जान जा चुकी है। अगर किसी पहले से खरीदकर शराब घर में रखी है तो उसे नाली में बहा दें। यह जानलेवा साबित हो सकती है।
डीएम ने की 25 मौतों की पुष्टि जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने यह तो स्वीकारा है कि शनिवार देर रात 51 शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने केवल 25 लोगों की मौत शराब पीने से होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि शेष संदिग्ध मौतों के संबंध में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का आकलन करने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी।