अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआई सहित अन्य संगठनों के लिए छात्रसंघ चुनाव (
student union election 2019) बहुत अहम होते हैं। सभी संगठनों ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय (spc-gca) और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय
(mdsu ajmer) को ज्यादा प्रमुखता दी है। इन्हीं संस्थाओं के प्रत्याशी चयन (candidate selection) में सर्वाधिक माथापच्ची हुई है। जातिगत समीकरण (caste factor), छात्र-छात्राओं (girls and boys)की साल भर की सक्रियता, शैक्षिक योग्यता (qualification) और विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन (agitation) और अन्य बिन्दुओं पर पदाधिकारी और समर्थक उलझे हुए हैं।
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Read full news-पर्स चोरी को लेकर देर रात हुआ हंगामा, सीसी टीवी फुटेज दिखा सच छात्र-छात्राओं से मुलाकात एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नवीन सोनी, युवक कांग्रेस के डॉ. सुनील लारा और अन्य पदाधिकारी चुनाव लडऩे के इच्छुक विद्यार्थियों (students) से मुलाकात में जुटे हैं। विद्यार्थी परिषद का भी कमोबेश यही हाल है। विभाग संगठन मंत्री सोहन शर्मा, प्रांत सह मंत्री मेहुल गर्ग सहित अन्य टिकट
(election ticket) तय करने में जुटे हैं। कई संस्थाओं (institutes) में दावेदारों का टोटा तो कुछ में जिताऊ प्रत्याशी (wining candidates) नहीं मिलने से पदाधिकारी चिंतित नजर आए।
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नौकरी की दौड़ में बने रहने के लिए अभ्यर्थी कर सकते हैं 23 तक आवेदन-पत्र में संशोधन बागी बढ़ाएंगे मुसीबतसभी संस्थाओं में टिकट नहीं मिलने से नाराज विद्यार्थी बगावत
(revolt) करने के मूड में है। राजकीय कन्या महाविद्यालय (govt girls college), लॉ कॉलेज (law college), मदस विश्वविद्यालय, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, दयानंद कॉलेज (dav college) में अंदरखाने से बगावत के सुर उठ रहे हैं।