वर्मन ने बताया कि सरकार ने डीजल पर वेट दर 18 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत और पेट्रोल पर 28 से 36 प्रतिशत कर दिया है। इस प्रकार डीजल पर कुल 10 और पेट्रोल पर 12 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। हालांकि सरकार ने 28 जनवरी को पेट्रोल और डीजल पर वेट में 2 प्रतिशत की रियायत दी थी। लेकिन इससे डीलर्स और सरकार को खास लाभ नहीं हुआ है। सरकार को 5 जुलाई 2019 के बाद से बढ़ाई गई वेट दर वापस लेनी चाहिए।
एसोसिएश ने बतायाकि राज्य में ऑयल कम्पनियों द्वरा परिवहन की धनराशि पर एक पूल एकाउन्ट बनना चाहिए। सरकार को इसी एकाउन्ट से भुगतान किया जाना चाहिए। इसी तरह बायो डीजल पम्प के बारे में पेट्रोलिमय मंत्रालय के आदेशानुसार गुजरात की तर्ज पर अभियान चलाकर गहन जांच करनी चाहिए।