1 अगस्त 1987 में स्थापित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में कला (arts), वाणिज्य (commerce), विज्ञान (science), प्रबंध अध्ययन (management), विधि (law), सामाजिक विज्ञान (social sciences) संकाय के पाठ्यक्रम संचालित हैं। यहां इतिहास, राजनीति विज्ञान, रिमोट सेंसिंग, जूलॉजी, बॉटनी में एक भी स्थाई शिक्षक नहीं है। कॉमर्स, कम्प्यूटर विज्ञान, प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री, अर्थशास्त्र, जनसंख्या अध्ययन विभाग में महज एक-एक शिक्षक है। लगातार सेवानिवृत्तियों के चलते यहां 18 स्थाई शिक्षक ही रह गए हैं। इनमें से मैनेजमेंट विभाग को प्रो.सतीश अग्रवाल निलंबित हैं। लॉ, हिन्दी, बीएड, शिक्षा और पत्रकारिता विभाग में तो शिक्षकों के पद सृजित नहीं हुए हैं।
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Rajasthan Highcourt: कुलपति 2 अगस्त तक नहीं कर पाएंगे कामकाज रह जाएंगे पांच अफसर विश्वविद्यालय में उप कुलसचिव (deputy registrar) डॉ. प्रकाश पंकज 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में मात्र एक उप कुलसचिव आर. के. व्यास और पांच सहायक कुलसचिव (assistant registrar) डॉ. डी. एस. चौहान, डॉ. सुनील टेलर, डॉ. सूरजमल राव, प्रतीक शर्मा और प्रवेश रह जाएंगे। इनमें एक सहायक कुलसचिव प्रतीक शर्मा राजस्थान विश्वविद्यालय (rajasthan university) में प्रतिनियुक्ति पर जाने के इच्छुक हैं। राजभवन (raj bhawan) ने इस बारे में विश्वविद्यालय को पत्र भी भेजा है। मालूम हो कि यहां कुलसचिव
(registrar), अतिरिक्त कुलसचिव (additional registrar), शोध (research) और खेल विभाग (sports dept) के निदेशक पद और शिक्षको के 20 पदों पर भर्तियां होनी है।
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आपको भी पसंद आएगी एमडीएस यूनिवर्सिटी की हरियाली कुलपति और कुलसचिव भी नहीं…विश्वविद्यालय में कुलपति (vice chancellor) और कुलसचिव (registrar) पद पर भी संकट कायम है। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज करने पर 11 अक्टूबर से रोक कायम है। मार्च 2019 से यहां कुलसचिव पद रिक्त है। वित्त नियंत्रक भागीरथ सोनी अतिरिक्त कामकाज संभाले हुए हैं।