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अजमेर

.सेवा कार्य : नौनिहाल कर रही गोवंश की देखभाल

लंपी पॉक्स से गायों को बचाने का जतन, पशु चिकित्सक बनना चाहती है किआशा
गोवंश में फैल रहे लंपी पॉक्स रोग से बचाव व रोकथाम के लिए जहां प्रशासन व गौपालक हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं कई स्वयंसेवी संस्थाएं व युवा भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। रोग से बचाव के लिए औषधियुक्त लड्डू बनाकर गायों को खिलाए जा रहे हैं।

अजमेरAug 28, 2022 / 01:14 am

Dilip

.सेवा कार्य : नौनिहाल कर रही गोवंश की देखभाल

.सेवा कार्य : नौनिहाल कर रही गोवंश की देखभाल

अजमेर. गोवंश में फैल रहे लंपी पॉक्स रोग से बचाव व रोकथाम के लिए जहां प्रशासन व गौपालक हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं कई स्वयंसेवी संस्थाएं व युवा भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। रोग से बचाव के लिए औषधियुक्त लड्डू बनाकर गायों को खिलाए जा रहे हैं। इन सबके बीच एक संस्था परिवार की 9 साल की मासूम भी भी पिछले कई सप्ताह से परिजन के साथ जाकर गोसेवा में जुटी है। गायों को इंजेक्शन लगाने का काम हो या फिर दवाई युक्त लड्डू बांटने का। 9 साल की आशा कहीं पीछे नहीं है।
एनजीओ प्रेरणा फाउंडेशन में वह पशु पक्षियों की सेवा के साथ गोवंश में बीमारी लंपी पॉक्स से मुकाबला करने के लिए अपना यथासंभव सहयोग कर रही है। एलआईसी में प्रबंधक पिता सचिन यादव भी सेवाकार्य में जुटे हैं। प्रेरणा ने बताया कि वह बचपन से ही पशुओं के लिए कार्य कर रही हैं। आज भी वह 30 से 40 श्वानों को दोनों वक्त खाना खिला रही हैं।आईसोलेशन सेंटर में करती सेवा
नौ साल की आशा मां के साथ इन दिनों रोज गोवंश के इलाज में मदद करती हैं। कई बार अकेले दवाई लगा आती है। शनिवार को भी उसने माकड़वाली में बने आइसोलेशन सेंटर में गायों को दवा लगाकर सेवा की।इंसान को कोई नहीं होती बीमारी
प्रेरणा ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज गोवंश से इंसान में नहीं फैलता न ही कोई इन्फेक्शन होता है। इसमें गायों को अच्छे और पौस्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। इसके लिए गुढ़, हल्दी, अजवाइन, सौंठ आदि के लड्डू बनाकर, जौ का दलिया, चापड़ आदि खिलाने से उनको ताकत मिलती है। चोटों पर जीवी पेंट और कीड़े पड़े घावों पर टरपेंटीन आयल से राहत मिलती है। सेवा कार्य में गीता यादव, स्मृति, एसो. प्रोफेसर मंजू शर्मा आदि जुटे हुए हैं। आशा अपनी मां के साथ रोजाना करीब 150 से 200 पशुओं को खाना खिला रही है। वह पशुओं की डॉक्टर बनना चाहती है।

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