एनजीओ प्रेरणा फाउंडेशन में वह पशु पक्षियों की सेवा के साथ गोवंश में बीमारी लंपी पॉक्स से मुकाबला करने के लिए अपना यथासंभव सहयोग कर रही है। एलआईसी में प्रबंधक पिता सचिन यादव भी सेवाकार्य में जुटे हैं। प्रेरणा ने बताया कि वह बचपन से ही पशुओं के लिए कार्य कर रही हैं। आज भी वह 30 से 40 श्वानों को दोनों वक्त खाना खिला रही हैं।आईसोलेशन सेंटर में करती सेवा
नौ साल की आशा मां के साथ इन दिनों रोज गोवंश के इलाज में मदद करती हैं। कई बार अकेले दवाई लगा आती है। शनिवार को भी उसने माकड़वाली में बने आइसोलेशन सेंटर में गायों को दवा लगाकर सेवा की।इंसान को कोई नहीं होती बीमारी
प्रेरणा ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज गोवंश से इंसान में नहीं फैलता न ही कोई इन्फेक्शन होता है। इसमें गायों को अच्छे और पौस्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। इसके लिए गुढ़, हल्दी, अजवाइन, सौंठ आदि के लड्डू बनाकर, जौ का दलिया, चापड़ आदि खिलाने से उनको ताकत मिलती है। चोटों पर जीवी पेंट और कीड़े पड़े घावों पर टरपेंटीन आयल से राहत मिलती है। सेवा कार्य में गीता यादव, स्मृति, एसो. प्रोफेसर मंजू शर्मा आदि जुटे हुए हैं। आशा अपनी मां के साथ रोजाना करीब 150 से 200 पशुओं को खाना खिला रही है। वह पशुओं की डॉक्टर बनना चाहती है।