संस्कृत कॉलेज को करीब 18 साल पहले तत्कालीन नगर सुधार न्यास के सदर रहे डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने लोहागल गांव में पांच बीघा भूमि आवंटित की। लेकिन कई साल तक भवन नहीं बन पाया। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के पत्राचार के बाद सरकार ने भवन के लिए 6.54 करोड़ रुपए आवंटित किए। रजिस्ट्री और अन्य कार्रवाई के बावजूद चारदीवारी और अन्य निर्माण नहीं हुए। इस दौरान कॉलेज की जमीन पर जलदाय विभाग की पानी की टंकी बन गई। अथक प्रयासों के बाद साल 2017 में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने इसका शिलान्यास किया।
दो बार उद्घाटन पर ब्रेक
लोहागल गांव में कॉलेज का नया भवन बन चुका है। पहले विधानसभा चुनाव आचार संहिता के चलते इसका लोकार्पण अटक गया। अब लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। मौजूदा वक्त कॉलेज गंज थाने के निकट पुराने भवन में संचालित है। यहां पर्याप्त संसाधन नहीं है। निदेशालय नए भवन से जुड़े सुरक्षा और अन्य प्रमाण पत्र मंगवा चुका है।
नहीं हुआ छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन छात्रसंघ चुनाव के नतीजे 11 सितम्बर को घोषित हुए थे। कॉलेज के छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन भी नहीं हुआ है। विधानसभा-लोकसभा आचार संहिता के चलते अब उद्घाटन नहीं हो पाया है। इस मामले में छात्रसंघ पदाधिकारी कई बार प्राचार्य को ज्ञापन भी दे चुके हैं।