पुलिस के अनुसार पंचशीलनगर सामुदायिक भवन के सामने रहने वाली सेवानिवृत्त अध्यापिका उर्मिला महर्षि(82) ने रिपोर्ट दी कि उसको 14 नवम्बर को एक कॉल आया। जिसमें एक व्यक्ति ने उससे पूछा कि क्या आपने 25 लाख रुपए कहीं जमा कराए हैं। उसने इनकार करते हुए कहा कि ‘नहीं मैने कहीं जमा नहीं कराए। तब उसने कहा कि ‘आप इनोसेंट है तो आपको डरने की आवश्कता नहीं। आपके आधार कार्ड से किसी ने खाते में 25 लाख रुपए जमा करवाए है। यदि आपके पैसे एक नम्बर के है, तो हमें बस आप खाता संख्या बताए और कहां-कहां है…हमें बता दीजिए। उसके कथनानुसार उसने सारे खाते व उसमें जमा रकम की जानकारी उसको दे दी।
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बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 90 लाख की ठगी करने के 3 आरोपी गिरफ्तार यूं शुरू हुआ ठगी का खेल पीडि़ता उर्मिला महर्षि ने बताया कि जालसाज ने सारी रकम उसके खाते में जमाने का झांसा कर 80 लाख रुपए उसके खाते में आर.टी.जी.एस. करवाने की बात कही। इसके बाद 23 नवम्बर को वीडियो कॉल आया। जिसने स्वयं को मुम्बई के बान्द्रा कुर्ला पुलिस स्टेशन के हैडकांस्टेबल संजय पाटिल की पहचान दी। आरोपी ने पीडि़ता को फर्जी केस नम्बर की जानकारी देते हुए बैंक खाते में 25 लाख रुपए का सिंगल ट्रांजेक्शन होने की जानकारी दी। इसके बाद आरोपी उसको 9178739375 मोबाइल नम्बर से वीडियो कॉल करके सारी जानकारी लेता रहा। आरोपी उसको हमेशा वीडियो के सामने रहने के लिए कहता रहा। समय-समय पर वह स्वयं वीडियो कॉल के सामने आता। आरोपी और उसके सहयोगी पुलिसवर्दी में नजर आए। वह उसको तसल्ली देते रहे कि हम उसके साथ में है। उसको डरने की आवश्यकता नहीं है। वैसे इस केस में ऐसा भी हो सकता था कि उन्हें उसको गिरफ्तार करना पड़े लेकिन वह उसकी उम्र को देखते हुए उसको गिरफ्तार भी नहीं कर रहे है।
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पीडि़ता ने बताया कि 23 नवम्बर को उसके एचडीएफसी बैंक खाते से दूसरे खाते में 80 लाख रुपए आरटीजीएस कराने के बाद और भी रकम जमा करवाने के लिए कहा। तब पीडि़ता ने उनको रोके रखा। आरोपियों ने दूसरा खाता देते हुए यश बैंक दिल्ली के साज एडवाइजरी प्रा. लि. के खाते में रकम जमा करवाने को कहा। इसके बाद उसको मोबाइल नम्बर पर वीडियो कॉल अलग अलग नम्बर से आती रही। इसके बाद उसने 30 नवम्बर को 1930 साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।