परीक्षा केन्द्रों के लिए मांगे प्रस्ताव
बोर्ड की स्थापना (Establishment of board) के बाद से ही परीक्षाए प्रति वर्ष मार्च में आयोजत की जाती रही है। लेकिन परिणाम समय पर निकालने के मद्देनजर अब यह परीक्षाएं फरवरी में आयोजित कराई जा सकती है। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार फिलहाल इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किए गए है। प्रबंध मंडल और परीक्षा समिति की बैठक सहित बोर्ड अध्यक्ष की सहमति के बाद प्रस्ताव पर अंतिम नर्णय लिया जाएगा। परीक्षार्थियों की संख्या बनी वजह
बोर्ड की परीक्षाओं में पिछले लगभग 10 साल से विद्यार्थियों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। इस साल 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए आवेदन किया है। लगभग एक माह तक चलने वाली परीक्षाओं के दौरान उत्तरपुस्तिकाओं को बोर्ड मुख्यालय तक लाना , परीक्षकों के पास भिजवाना और कॉपियां जंचवाने पर लंबा वक्त लग जाता है। बोर्ड प्रशासन को एक करोड़ 20 लाख से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन (Evaluation of answer books) कराना होता है। इसमें लगने वाले समय की वजह से राजस्थान बोर्ड का परिणाम सीबीएसई और देश के अन्य शिक्षा बोर्ड के परिणाम निकलने के लगभग 15 दिन से एक माह देरी से आ पाता है। परिणाम आते आते देश के अनेक उच्च शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी होती है। इस कारण शिक्षा बोर्ड को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है।
बोर्ड ने अपने परीक्षा कार्यक्रम को देश के अन्य शिक्षा बोर्ड के समानांतर बनाने के लिए अभी से ही कवायद शुरू कर दी है। इसी वजह से इस साल पूरक परीक्षाएं भी पिछले साल की तुलना में 10 दिन पूर्व एक अगस्त से शुरु की जा रही है।अगले साल फरवरी में प्रस्तावित बारहवीं और दसवीं की परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया अगस्त में प्रारंभ होगी।