निजी स्कूलों में मिलेगा प्रवेश को बढ़ावा
उनका मानना है कि सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए 6 वर्ष आयु होने तक अभिभावक इंतजार नहीं करेंगे। गैर सरकारी स्कूलों में 3 साल के बच्चे का प्रवेश नर्सरी में करवा देते हैं भले ही HKG, UKG भी पढ़कर कक्षा 1 में प्रवेश करता है। इसके बाद निजी से सरकारी स्कूल में प्रवेश कोई अभिभावक नहीं करवाएगा। इस निर्णय से निजी स्कूलों में प्रवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह भी पढ़ें – मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य बीमा पर नया अपडेट, नई पैकेज दरें और IVF भी जोड़ने की तैयारी RTE से पहले ही घटा नामांकन
निजी विद्यालयों में पहले से ही प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरटीई के नियम के अंतर्गत प्रवेश दिया जाता है। इसके कारण सरकारी विद्यालय का नामांकन वैसे ही कम है। अब इस नियम के लागू करने से कोई भी अभिभावक सरकारी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षा में कोई नहीं प्रवेश देना चाहेगा।
इस निर्णय पर पुनर्विचार करे शिक्षा विभाग – बृजेन्द्र शर्मा
संघर्ष समिति राजस्थान शिक्षक संघ लोकतांत्रिक प्रदेश संयोजक बृजेन्द्र शर्मा ने कहा शिक्षा विभाग को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि 6 साल तक कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को घर पर बिठाकर नहीं रखेगा। वह तुरंत निजी विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिलाएगा और निजी विद्यालय में नर्सरी से ही कक्षाएं शुरू हो जाती हैं। जबकि सरकारी विद्यालय में नर्सरी, एलकेजी एचकेजी की कक्षाएं नहीं चलती हैं। सरकार को चाहिए कि सरकारी विद्यालयों में भी नर्सरी से क्लासेस शुरू की जाएं सरकारी या प्रवेश की आयु में 5 वर्ष का नियम पुन: लागू किया जाए।