पुलिस के अनुसार पीडि़ता की मां ने रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में उसने बताया कि आरोपी उसकी नाबालिग बेटी के स्कूल जाने पर रास्ता रोकने, पीछा करने, पत्र लिखकर फैंकना और फैंक आईडी से उसे बर्बाद करने करने की धमकी देने की बात कही। उसने बताया कि पड़ोस में रहने वाला युवक उसके पति के जिन्दा रहने तक उसकी बेटी से राखी बंधवाता था। तब से आरोपी के भाई की हैसियत से उनके घर आना जाना था लेकिन आरोपी ने अब उसकी बेटी पर बुरी नजर रखने लगा है।
आरोपी वाट्सएप पर मैसेज करने व गंदे-गंदे इशारे करता है। इसकी जानकारी उसे गत दिनों हुई तो आरोपी ने उसके बेटे के साथ मारपीट की। मारपीट की घटना में दोनों पक्ष में राजीनामा हो गया लेकिन उसके बाद भी आरोपी की हरकते नहीं रुकी। उसने 24 से 25 दिसम्बर के बीच फैंक आईडी बनाकर उसकी बेटी व परिजन को मैसेज कर धमका रहा है। आरोपी पीडि़ता की बेटी के स्कूल आने जाने पर उसका रास्ता रोककर जबरदस्ती करने की कोशिश करता है। रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
बालश्रमिक को बालश्रम से करवाया मुक्त
अजमेर. चाइल्ड लाइन व मानव तस्करी विरोधी इकाई व कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की संयुक्त कार्यवाही में सोमवार को पंचशील स्टीफन चौराहा स्थित सृष्टि कार केयर शॉप से एक बालक को बालश्रम से मुक्त कराया। मानव तस्करी विरोधी इकाई प्रभारी की ओर से क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
इकाई प्रभारी कल्पना राठौड़ ने दुकान मालिक महेश चौहान के खिलाफ नवीन किशोर न्याय अधिनियम एवं बालश्रम अधिनियम की धारा 79 व आईपीसी की धारा 374 में मुकदमा दर्जकर कार्यवाही शुरू कर दी। चाइल्ड लाइन टीम ने बालक को बालकल्याण समिति के समक्ष पेश किया। समिति ने बालक के परिजन को बालक से बालश्रम नहीं कराने के लिए पाबंद किया। कार्रवाई में चाइल्ड लाइन समन्वयक वनिता पंवार, टीम सदस्य कलीम खान, दिनेश रावत, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन से प्रेमनारायण शर्मा शामिल थे।
2 हजार में रोजाना 9 घंटे काम चाइल्ड लाइन की काउंसलिंग में बालक ने बताया कि सृष्टि कार केयर शॉप पर वह सुबह 9 से शाम 6 बजे तक वाहन में ग्रिसिंग, दुकान में साफ-सफाई, जैक चढ़ाने और उतारने का काम करता है। बदले में उसे हर महीने 2 हजार रुपए मिलते है।