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प्रतिबंधित प्लास्टिक का बे-रोकटोक इस्तेमाल, अब ‘मुखबिरी’ से कसेंगे उत्पादन पर नकेल

अब तक चलाए अभियान नाकाफी दिलीप शर्मा अजमेर. शहर में प्रतिबंधित पॉलीथिन पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे अभियान उतने कारगर साबित नहीं हो रहे। निगम व जिम्मेदार विभागों की ओर से प्लास्टिक रोकथाम के लिए नियमित अभियान चलाए जाते हैं लेकिन यह प्रभावी नहीं होते। छोटे व मंझले दुकानदारों से अपेक्षाकृत कम माल […]

अजमेरJan 20, 2025 / 11:56 pm

Dilip

plastic news

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अब तक चलाए अभियान नाकाफी

दिलीप शर्मा

अजमेर. शहर में प्रतिबंधित पॉलीथिन पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे अभियान उतने कारगर साबित नहीं हो रहे। निगम व जिम्मेदार विभागों की ओर से प्लास्टिक रोकथाम के लिए नियमित अभियान चलाए जाते हैं लेकिन यह प्रभावी नहीं होते। छोटे व मंझले दुकानदारों से अपेक्षाकृत कम माल जब्त होता है। मामूली जुर्माना राशि लगाई जाती है। इससे नियंत्रण नहीं हो पाता और प्लास्टिक फिर बाजारों में आ जाती है। अजमेर में खुले आम प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियां व इससे बने उत्पाद का इस्तेमाल हो रहा है। गंभीर बात है कि खाने पीने व चाट पकौड़ी के ठेलों, फलों व सब्जियों के ठेलों, सब्जी मंडी आदि में बे-रोक टोक प्लास्टिक इस्तेमाल होते देखी जा सकती है। इस पर नियंत्रण के कारगर उपाय नजर नहीं आ रहे।
अब सूचना देने वाले को इनाम

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रतिबंधित प्लास्टिक पर नियंत्रण के लिए एक प्रयोग जल्द शुरू करेगा। अधिक मात्रा में प्लास्टिक उत्पाद का उत्पादन व इसके परिवहन करते पाए जाने पर जुर्माने व सीजिंग की कार्रवाई के साथ अब सूचना देने वाले व्यक्ति को 10 हजार रुपए का पुरस्कार मिलेगा। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।इस सम्बंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नगर निगम या स्थानीय निकाय के साथ मिलकर एक कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसमें औद्योगिक क्षेत्र में भारी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलीथिन पाए जाने व उसके परिवहन करते पाए जाने पर सीजिंग की जाएगी व पांच हजार व अधिक जुर्माना लगाया जाएगा। सूचना देने वाले को 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
75 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए प्लास्टिक

नियमानुसार प्रतिबंधित प्लास्टिक सिंगल यूज प्लास्टिक की मोटाई 75 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। इससे पतली प्लास्टिक व उसके उत्पाद प्रतिबंधित श्रेणी में आते हैं।
निगम व प्रदूषण बोर्ड समय समय पर चलाता अभियान

स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान की प्रभारी व निगम की सहायक अभियंता (पर्यावरण) बबीता सिंह ने बताया कि नियमित अभियान चला कर दुकानदारों व ठेले वालों से प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त की जाती है लेकिन अब इसके बल्क उत्पादन पर अंकुश लगाने के लिए प्रोत्साहन का ऐलान किया गया है। इससे प्लास्टिक के उत्पादन व परिवहन पर काबू पाए जाने की उम्मीद है।
आंकड़ों की जुबानी

300 से 500 किलोग्राम प्लास्टिक जब्ती प्रति दो माह में

100 रुपए जुर्माना प्रति कार्रवाई

5000 रुपए जुर्माना, अधिक मात्रा में उत्पादन करने पर संस्थान सीजिंग की कार्रवाई।यह हैं प्रतिबंधित – सिंगल यूज प्लास्टिक – पत्तल, दोने, कप, गिलास, चम्मच आदि कटलरी।

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