जानकारी अनुसार ख्वाजा सैयद जरीफ चिश्ती उर्फ जरीफ बाबा की 5 जुलाई को महाराष्ट्र नासिक के यवेला में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जरीफ चिश्ती की अंतिम इच्छानुसार उन्हें अजमेर ख्वाजा की नगरी में दफनाया जाएगा। अफगानिस्तान में उनके पिता ख्वाजा मीरअहमद चिश्ती ने भी अजमेर में ही दफनाने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि अफगानिस्तान में मौजूदा हालात के चलते परिवार का कोई भी सदस्य जनाजे में शामिल नहीं होगा। विदेश मंत्रालय की ओर से इजाजत मिलने पर शनिवार को अफगानिस्तान एम्बेंसी से काउंसलर मूसा नइमी व शाहर ने जिला प्रशासन, दरगाह कमेटी से सम्पर्क साध नागफनी स्थित गौरे गरीबां कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक के इंतजाम किए हैं।
अफगानिस्तान एम्बेंसी के अधिकारियों के मुताबिक सैयद जरीफ चिश्ती का शव नासिक से मुम्बई के लिए रवाना हो चुका है। रविवार सुबह मुम्बई से जयपुर तक शव को हवाई जहाज से लाया जाएगा। फिर जयपुर से सड़क मार्ग से अजमेर पहुंचाया जाएगा।
अफगानिस्तान मूल के ख्वाजा सैयद जरीफ चिश्ती करीब 5 साल पहले 22 नवम्बर 2017 में बतौर शरणार्थी भारत आए। यहां भारत सरकार ने उन्हें शरणार्थी का दर्जा दिया। हालांकि जरीफ सीधे भारत ना आकर पहले पाकिस्तान व फिर ईरान होते हुए भारत पहुंचे। यहां सबसे पहले ख्वाजा साहब की नगरी अजमेर आए। यहां कुछ दिन गुजारने के बाद कर्नाटक विजयापुर चले गए। कर्नाटक में विवाद होने पर अपना सबकुछ समेट कर महाराष्ट्र नासिक आ गए। नासिक में लोकप्रिय होने पर बड़ी संख्या में अपने अनुयायी भी बनाए।
जानकारी अनुसार सैयद जरीफ चिश्ती का जन्म अफगानिस्तान के हैरात में हुआ। उनके परिवार के ताल्लुक चिश्तियों से होना बताया जाता है। जरीफ चिश्ती जन्म के बाद काबूल आ गए। युवा होने पर पारिवारिक के व्यापार से जुड़ गए। बिजनेस करते हुए जरीफ चिश्ती का आध्यात्मिक जुड़ाव बढ़ता गया तो सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए। अफगानिस्तान में तालिबान से उन्हें खतरा महसूस होने पर पाकिस्तान, फिर ईरान और भारत आ गए।
जानकारी अनुसार चार साल में ही नासिक में अपने परिचितों के नाम से सैयद जरीफ चिश्ती ने करोड़़ रुपए की सम्पति खरीद ली। करोड़ों की सम्पति की खरीद-फरोख्त को ही जरीफ चिश्ती की हत्या की वजह मानी जा रही है। हालांकि महाराष्ट्र पुलिस हत्या की साजिश में शामिल जरीफ चिश्ती के चालक को गिफ्तार किया है।
मंत्रालय की सूचना पर सैयद जरीफ चिश्ती को अजमेर में दफनाया जाएगा। पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी।
चूनाराम जाट, पुलिस अधीक्षक, अजमेर अफगान एम्बेंसी से दो अधिकारी है। प्रशासन से सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए कहा गया है। पुलिस सुरक्षा में गौरे गरीबां कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।
भावना गर्ग, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर)