scriptMuhrram in Ajmer: साल भर रहता बंद, सिर्फ मोहर्रम में खुलता है बाबा फरीद का चिल्ला | Muhrram in Ajmer: Baba farid chillah open in Ajmer Dargah | Patrika News
अजमेर

Muhrram in Ajmer: साल भर रहता बंद, सिर्फ मोहर्रम में खुलता है बाबा फरीद का चिल्ला

बाबा फरीद ने दरगाह में मौजूद चिल्ले वाले स्थान पर इबादत की थी। इसके चलते जायरीन इसकी जियारत करते हैं।

अजमेरJul 23, 2023 / 10:36 am

raktim tiwari

Baba farid chillah open in Ajmer Dargah

Baba farid chillah open in Ajmer Dargah

मोहर्रम की चार तारीख यानि रविवार सुबह 4.30 बजे हजरत बाबा फरीद का चिल्ला खोला गया। दूरदराज से आए जायरीन चिल्ले की जियारत को पहुंचे।

प्रतिवर्ष मोहर्रम पर हजरत बाबा फरीद का चिल्ला 72 घंटे के लिए खोला जाता है। इस बार भी मोहर्रम पर जायरीन की अच्छी आवक जारी है। मालूम हो कि हजरत बाबा फरीद गंज-ए -शकर का मजार पाक पट्टन में है। बाबा फरीद ने दरगाह में मौजूद चिल्ले वाले स्थान पर इबादत की थी। इसके चलते जायरीन इसकी जियारत करते हैं।

मर्सियाख्वानी और बयाने शहादत जारी

मोहर्रम के मौके पर दरगाह के छतरी गेट तथा पंचायत अंदरकोटियान पर मर्सियाख्वानी और बयाने शहादत का दौर जारी है। अंदरकोट पंचायत की ओर से मोहर्रम की सात तारीख को लंगरखाना से हताई चौक तक अलम का जुलूस निकाला जाएगा। तारागढ़ पर भी मोहर्रम से जुड़े कार्यक्रमों के तहत मर्सिया, सलाम व नोहे पढ़े जा रहे हैं।

जायरीन की रौनक

मोहर्रम पर जायरीन की आमद से दरगाह क्षेत्र में रौनक बनी हुई है। यूपी, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से बड़ी तादाद में जायरीन पहुंच रहे हैं। यह रौनक मोहर्रम तक बनी रहेगी। गरीब नवाज के सालाना उर्स में नहीं आने वाले जायरीन मिनी उर्स में हाजिरी देने पहुंचते हैं।

केवल शाकाहारी भोजन

दरगाह की बड़ी देग में 120 मण (4800 किलो) और छोटी देग में 60 मण (2400 किलो) प्रसाद (तबर्रुक) मीठे चावल के रूप में रोज पकाया जाता है। हजारों जायरीन में यह प्रसाद बांटा भी जाता है। देग में केवल शाकाहारी भोजन ही पकाया जाता है। यहां तक लहसुन और प्याज भी नहीं डाले जाते।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8m19qc

Hindi News / Ajmer / Muhrram in Ajmer: साल भर रहता बंद, सिर्फ मोहर्रम में खुलता है बाबा फरीद का चिल्ला

ट्रेंडिंग वीडियो