मर्सियाख्वानी और बयाने शहादत जारी
मोहर्रम के मौके पर दरगाह के छतरी गेट तथा पंचायत अंदरकोटियान पर मर्सियाख्वानी और बयाने शहादत का दौर जारी है। अंदरकोट पंचायत की ओर से मोहर्रम की सात तारीख को लंगरखाना से हताई चौक तक अलम का जुलूस निकाला जाएगा। तारागढ़ पर भी मोहर्रम से जुड़े कार्यक्रमों के तहत मर्सिया, सलाम व नोहे पढ़े जा रहे हैं।
जायरीन की रौनक
मोहर्रम पर जायरीन की आमद से दरगाह क्षेत्र में रौनक बनी हुई है। यूपी, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से बड़ी तादाद में जायरीन पहुंच रहे हैं। यह रौनक मोहर्रम तक बनी रहेगी। गरीब नवाज के सालाना उर्स में नहीं आने वाले जायरीन मिनी उर्स में हाजिरी देने पहुंचते हैं।
केवल शाकाहारी भोजन
दरगाह की बड़ी देग में 120 मण (4800 किलो) और छोटी देग में 60 मण (2400 किलो) प्रसाद (तबर्रुक) मीठे चावल के रूप में रोज पकाया जाता है। हजारों जायरीन में यह प्रसाद बांटा भी जाता है। देग में केवल शाकाहारी भोजन ही पकाया जाता है। यहां तक लहसुन और प्याज भी नहीं डाले जाते।