हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। पूर्व में हाई सिक्योरिटी जेल में हार्डकोर अपराधियों से मोबाइल फोन समेत कई आपत्तिजनक वस्तुएं मिल चुकी है। इसमें अनिल पाड्या, लॉरेन्स विश्नोई समेत कई हार्डकोर बंदी शामिल है। हांलाकि लॉरेन्स विश्नोई और उसके दो साथियों को हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल सिमकार्ड रखने के मामले में अदालत बरी कर चुकी है।
हार्डकोर बंदियों के पास लगातार मिलते मोबाइल ने हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। पांच साल पहले जुलाई 2014 में बीकानेर सेन्ट्रल जेल में हुई गैंगवार के बाद प्रदेश में हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का फैसला किया। अजमेर के बाल सुधार गृह को हाई सिक्योरिटी जेल में तब्दील कर दिया लेकिन गैंगस्टर आनंदपालसिंह की फरारी के बाद जेल की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। जेल के भीतर और बाहरी व्यवस्थाएं उजागर हो गए।