अजमेर के अंदरकोट (Innercoat) क्षेत्र, नागफणी रोड, बाबूगढ़, बड़ापीर रोड और लौंगिया सहित कई जगह पहाड़ी और उसकी तलहटी में हजारों की संख्या (Thousands) में मकान बन गए हैं। अवैध रूप से बने इन मकानों में बिजली-पानी (Electric-water)के कनेक्शन मिलने के कारण कुकरमुत्ता की तरह अवैध मकान बन गए। ऐसे में अब और बारिश आने की स्थिति में बड़ा हादसा होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
दरगाह सम्पर्क सडक़ पर तीन दिन पहले बारिश के दौरान भू-स्खलन (Landslide) के चलते पहाड़ी पर बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया था। इसे तबाही की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है। यह तो गनीमत रही थी कि इस दौरान वहां पर कोई मौजूद नहीं था, अन्यथा जनहानि (Otherwise loss of life) हो सकती थी। अभी भी उक्त रोड पर कई जगह भू-स्खलन के चलते पत्थर गिर रहे है।
दरगाह सम्पर्क सडक़ के ऊपर परकोटे की दीवार (Wall covering) बनी हुई है। वह भी जगह-जगह से टूट चुकी है। अब उसका बड़ा हिस्सा टूटने की कगार पर है। इसका टूटकर नीचे बने मकानों पर गिरना (Fall on houses)तय है। ऐसे में पहाड़ी की तलहटी में बने मकानों को नुकसान पहुंचेगा और जनहानि होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।
दरगाह सम्पर्क सडक़ पर भू-स्खलन से रोड पर आए मलबे को हटाने का कार्य जारी है। प्रशासन ने एक पोकलेन मशीन और पांच डम्पर लगा रखे हंै। जानकारों की मानें तो यह मलबा तीन से चार हजार डम्पर (Three to four thousand dumper) का बताया जा रहा है। इस हटाने में १० से १५ दिन लगना बताया जा रहा है।
-अजमेर विकास प्राधिकरण, अजमेर नगर निगम (ajmer nagar nigam) व वन विभाग (क्योंकि अफसरों की अनदेखी के कारण पहाड़ों पर बस गई अवैध बस्तियां) -जलदाय विभाग व अजमेर विद्युत वितरण निगम (अवैध बस्तियों में पानी-बिजली की सुविधा पहुंचा दी)
-जनप्रतिनिधि (चुनाव में वोटों का नुकसान न हो जाए, इसलिए चुप्पी साध लेते हैं। हाल ही एक मंत्री ने तो अवैध मकान ढहने के बाद आर्थिक सहयोग दिलाने का आश्वासन भी दे दिया।)
– डॉ. मिलन यादव, विभागाध्यक्ष भूगोल एसपीसीजीसीए