उद्यान में प्राकृतिक और कृत्रिम जलाशय है। इनमें पिछले दिनों हुई बरसात (rain water) से पानी की आवक हुई है। दो साल में उद्यान के जलाशयों (ponds) में पहली मर्तबा पानी आया है। इससे पेड़-पौधों (plants) और घास (green grass) की सिंचाई के पानी उपलब्ध हो सकेगा। अभी मानसून के 57 दिन और हैं। अच्छी बरसात से जलाशय लबालब हो सकते हैं।
उद्यान में पौधे और हरी घास लगाई गई है। यहां लोग सैर-सपाटा कर सकेंगे। परिसर में करीब 450 पौधे लगाए गए हैं। इनमें नीम, पीपल, बरगद, अमलताश, गुलमोहर और अन्य पौधे शामिल हैं। इन दिनों उद्यान में हरियाली छाई हुई है। वॉच टावर (watch tower)से समूची अरावली की पहाडिय़ों (aravalli hills)और शहर को देखा जा सकता है। यहां चौथा वॉच टावर निर्माणाधीन है। यहां कई वन्य जीव (wild animal) भी मौजूद हैं। इनमें खरगोश (rabit), जरख, सेवली, हिरण (dear) और अन्य जीव-जंतु दिखते रहते हैं। इसके अलावा क्षेत्र के बड़े पेड़ों पर तोता (parrot), मैना, कोयल (cuckoo) और अन्य पक्षी भी बहुतायत में हैं। नीलगाय यहां उद्यान में नुकसान कर देती हैं।
उद्यान के लिए प्रस्तावित जमीन : 75 हेक्टेयर
प्रस्तावित बजट : 1 करोड़ 75 लाख
मिलेगी यह सुविधाएं : वॉक-वे, दो व्यू पॉइन्ट, बायो टॉयलेट, चिल्ड्रन्स पार्क, नवगृह, योग वाटिका, साइकिल ट्रेक, पहाडिय़ों का पानी एकत्रित करने के लिए टैंक, गार्डन, स्मृति वन और अन्य