ऐसे किया प्रयोग डिस्कॉम के अजमेर जोन के संभागीय मुख्य अभियंता एन.एस. निर्वाण ने खींवसर के अभियंताओं को फीडर सेपरेशन प्रोग्राम तैयार करने के निर्देश दिए। बैराथल जीएसएस (33/11केवी) से 11 केवी के 5 फीडर निकल रहे है। इनमें से छोटी खुर्द फीडर को इसके लिए चुना गया। इस फीडर की लाइन पर लगे सिंगल फेज के सभी 13 ट्रांसफार्मर को 11 केवी इंसुलेटेड वायर की नई लाइन खींच कर सडक़ के किनारे लगा गया। इस पर कुल 18.5 लाख रुपए खर्च हुए। यह राशि 15 दिन की बिजली बचत से ही वसूल हो गई।
इस तरह होता था नुकसान पूर्व में जब इस फीडर पर थ्री फेज सप्लाई दी जाती थी तो लोड 105 एम्पीयर होता था लेकिन जब सिंगल फेज सप्लाई दी जाती थी लोड घटने के बजाय बढकऱ 120 एम्पीयर पहुंच जाता था। किसान 11 केवी लाइन में हुक डालकर उसे थ्री फेज में कनवर्ट कर देते था 24 घंटे पानी की मोटरें चलाते थे। इससे सप्लाई व्यवस्था में व्यवधान भी आता था। अब सिंगल फेज की लाइन अलग होने से किसानों को बिना ट्रिपिंग 6 घंटे बिजली मिल रही है जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिल रही है।
शेष फीडरों के भी जल्द योजनाबैराथल जीएसएस के शेष बचे आंकला,बैराथल खुर्द,कला तथा जगरामपुरा खुर्द के 11 केवी फीडरों से सिंगल व कृर्षि की सप्लाई को अलग-अलग किया जाएगा। इनका कहना है
फीडर सेपरेशन कार्यक्रम का असर है कि जहां पहले इस फीडर पर 63 प्रतिशत बिजली चोरी में जा रही थी वहीं अब 9 लाख यूनिट प्रतिमाह बच रही है। किसानों को 6 घंटे तथा घरेलू उपभोक्ता को 24 घंटे बिना व्यवधान बिजली मिल रही है। अन्य सभी फीडरों पर यह कार्यक्रम लागू होगा।
एन.एस.निर्वाण,संभागीय मुख्य अभियंता (अजमेर जोन),अजमेर डिस्कॉम read more:
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