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अजमेर

बिजली चोरी के गढ़ में लगाई ‘सेंध’

नागौर के बैराथल जीएसएस के छोटी खुर्द फीडर से जुड़े किसान और डिस्कॉम दोनो खुश
मिल रही है गुणवत्ता की बिजली,हर महीने 9 लाख यूनिट की बचत
डिस्कॉम को 40 लाख रुपए की हो रही हर माह बचत
फीडर सेपरेशन कार्यक्रम का असर

अजमेरAug 29, 2019 / 10:44 pm

bhupendra singh

बिजली चोरी के  गढ़ में लगाई ‘सेंध’

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भूपेन्द्र सिंह . अजमेर

अजमेर डिस्कॉम (ajmer discom) के तहत आने वाला नागौर(nagaur) जिला बिजली (electricity theft) चोरी और छीजत (loss) का गढ़ माना जाता है। इसमें भी खींवसर सब डिवीजन तो ऐसा है जहां 60 फीसदी बिजली चोरी में ही चल जाती है। राजनीतिक दखल ऐसा कि बिजली चोरी पकडऩे की अभियंता हिम्मत ही नहीं जुटा पाते और दलबल के साथ पहुंच भी गए तो विरोध के कारण वापस लौटना पड़ता है। लेकिन अब इसी बिजली चोरी के गढ़ में अजमेर डिस्कॉम के संभागीय मुख्य अभियंता ने ‘सेंध’लगा दी है । मामले में खास यह है कि इससे वहां के आम घरेलू उपभोक्ता, किसान के साथ ही डिस्कॉम को भी फायदा हो रहा है। डिस्कॉम ने इसके लिए घरेलू व कृषि के लिए फीडरों को अलग-अलग करने के लिए फीडर सेपरेशन कार्यक्रम शुरु किया है। नागौर के बछवारी फीडर पर पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब खींवसर के बैराथल फीडर पर भी यही प्रयोग किया गया है।इससे किसानों को 6 घंटे कृषि के लिए बिजली, घरेलू उभोक्ता को 24 घंटे सिंगल फेज( Getting quality electricity,) बिजली मिल रहा है। वहीं मामले में खास है कि डिस्कॉम को इस फीडर से प्रतिदिन 33 हजार तथा एक माह में ही इस फीडर से ही 4 लाख रुपए की 9 लाख यूनिट की बचत (saving 9 lakh units every month)होने लगी है। जबकि पूर्व इस फीडर पर 63 प्रतिशत बिजली चोरी में ही जा रही थी।
ऐसे किया प्रयोग

डिस्कॉम के अजमेर जोन के संभागीय मुख्य अभियंता एन.एस. निर्वाण ने खींवसर के अभियंताओं को फीडर सेपरेशन प्रोग्राम तैयार करने के निर्देश दिए। बैराथल जीएसएस (33/11केवी) से 11 केवी के 5 फीडर निकल रहे है। इनमें से छोटी खुर्द फीडर को इसके लिए चुना गया। इस फीडर की लाइन पर लगे सिंगल फेज के सभी 13 ट्रांसफार्मर को 11 केवी इंसुलेटेड वायर की नई लाइन खींच कर सडक़ के किनारे लगा गया। इस पर कुल 18.5 लाख रुपए खर्च हुए। यह राशि 15 दिन की बिजली बचत से ही वसूल हो गई।
इस तरह होता था नुकसान

पूर्व में जब इस फीडर पर थ्री फेज सप्लाई दी जाती थी तो लोड 105 एम्पीयर होता था लेकिन जब सिंगल फेज सप्लाई दी जाती थी लोड घटने के बजाय बढकऱ 120 एम्पीयर पहुंच जाता था। किसान 11 केवी लाइन में हुक डालकर उसे थ्री फेज में कनवर्ट कर देते था 24 घंटे पानी की मोटरें चलाते थे। इससे सप्लाई व्यवस्था में व्यवधान भी आता था। अब सिंगल फेज की लाइन अलग होने से किसानों को बिना ट्रिपिंग 6 घंटे बिजली मिल रही है जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिल रही है।
शेष फीडरों के भी जल्द

योजनाबैराथल जीएसएस के शेष बचे आंकला,बैराथल खुर्द,कला तथा जगरामपुरा खुर्द के 11 केवी फीडरों से सिंगल व कृर्षि की सप्लाई को अलग-अलग किया जाएगा।

इनका कहना है
फीडर सेपरेशन कार्यक्रम का असर है कि जहां पहले इस फीडर पर 63 प्रतिशत बिजली चोरी में जा रही थी वहीं अब 9 लाख यूनिट प्रतिमाह बच रही है। किसानों को 6 घंटे तथा घरेलू उपभोक्ता को 24 घंटे बिना व्यवधान बिजली मिल रही है। अन्य सभी फीडरों पर यह कार्यक्रम लागू होगा।
एन.एस.निर्वाण,संभागीय मुख्य अभियंता (अजमेर जोन),अजमेर डिस्कॉम

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