थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने महेश और आलेख को अदालत (court) में पेश किया। अदालत ने दोनों को रिमांड पर सौंपा है। दोनों से गहन पूछताछ (inquiry) जारी है। परीक्षा पास कराने वाले गिरोह, दलाल और अन्य व्यक्तियों के बारे में छानबीन की जा रही है। परीक्षा (exam) में किस-किस स्तर पर फर्जीवाड़ा (fake process) हुआ इसकी भी पड़ताल की जाएगी।
सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र द्वितीय में भी शारीरिक दक्षता परीक्षा में दो अन्य फर्जी अभ्यर्थियों (fake aspirants) को गंज थाना पुलिस ने गिरफ्तार (police arrest) किया था। गंज थाना प्रभारी जयसिंह ने बताया कि भरतपुर निवासी घनश्याम और वीरेंद्र के स्थान पर दो अन्य व्यक्तियों ने मार्च में लिखित परीक्षा (written exam) दी थी। यह शारीरिक दक्षता देने अजमेर (ajmer) पहुंचे थे। दोनों लिखित परीक्षा और बायोमेट्रिक अटेंडेंस में पास भी हो गए। शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान इनकी बायोमेट्रिक अटेंडेंस और फोटो मिलान नहीं हो पाया। इसमें दोनों फंस गए। इनके खिलाफ सीआरपीएफ अधिकारियों (crpf officials) ने शिकायत दी है। दोनों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने इन्हें रिमांड पर सौंपा है।
देश भर में पुलिस, बैंक, एससीसी और अन्य प्रतियोगी परीक्षा (recruitment exams)में फर्जी परीक्षार्थियों के बैठने के किस्से सामने लगातार आ रहे हैं। भर्ती एजेंसियों (recruitment agency) के चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के बावजूद फर्जीवाड़े जारी हैं। गिरोह (gangs) और दलाल अभ्यर्थियों से लाखों रुपए वसूली कर उनकी जगह दूसरे अभ्यर्थियों को परीक्षा में बिठाने से नहीं चूक रहे। ऑनलाइन परीक्षा (online exams)में कंप्यूटर हैक कर पेपर हल करने, शर्ट, कान में सूक्ष्म ब्लू टूथ (blue tooth) का इस्तेमाल करने जैसे मामले सामने आ चुके हैं। अजमेर में भी ऑनलाइन कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान पिछले साल फर्जीवाड़ा हो चुका है। इससे पहले कनिष्ठि लिपिक भर्ती में वकील, कर्मचारी और तत्कालीन सेशन जज की लिप्तता सामने आ चुकी है।