नायब तहसीलदार के अलावा अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी तथा सदर मुंसरिम से तहसीलदार पद की वर्ष 2021-22 की डीपीसी के लिए भी पात्र कार्मिकों को अनुभव में 2 वर्ष की छूट मांगी गई है। इन्हें भी पदोन्नत कर तहसीलदार बनाया जाएगा।
नियम से तो केवल एक पदोन्नति मिलेगी
नायब से तहसीलदार पद पर पदोन्नति के लिए ५ वर्ष का अनुभव आवश्यक है। यदि सरकार अनुभव नियमों में दो साल की छूट नहीं देती है तो तहसीलदार कैडर के कुल 670 स्वीकृत पदों में से नियमानुसार पदोन्नति की जाती है तो केवल मात्र एक कार्मिक को ही पदोन्नति मिलेगी। यदि नियमों में एक तिहाई अवधि की छूट (यानी 1 वर्ष) के आधार पर पदोन्नाति की जाए तो 62 कर्मचारियों की पदोन्नति हो सकेगी। यदि मुख्य सचिव की समिति द्वारा 2 वर्ष की छूट दी जाए तो 45 नायब तहसीलदार तथा 18 अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार पद पर पदोन्नत हो सकेंगे। तहसीलदार पदों की वर्ष 2021-22 की डीपीसी के संबंध में जो 2 वर्ष के अनुभव की आवश्यकता होती है उसके शिथिलन के लिए राजस्व मंडल के द्वारा राज्य सरकार से छूट मांगी गई है।
तहसीलदारों के416,नायब के 479, उप पंजीयक के 87 पद खाली राज्य सरकार की राजस्व महकमें के प्रति गंभीरता का अंदाजा इसी बात से पता चलता है कि तहसीलदारों के कुल स्वीकृत 670 पदों में मात्र 254 ही कार्य कर रहे हैंं। कार्यरत254 में से भी 41 एडहॉक आरएएस अधिकारी सम्मिलित है। राज्य में नायब तहसीलदारों के स्वीकृत पद971 हैं जबकि कार्यरत केवल 492 कार्यरत हैं 471 पद रिक्त हैं। उप पंजीयक के स्वीकृत 114 में से87 पद रिक्त हैं केवल 27 उप पंजीयक ही कार्यरत हैं।
252 पदों पर अटकी है भर्ती राजस्व मंडल ने 2015-16 से 2019-20 तक के करीब252 नायब तहसीलदों के पदो के लिए अर्थना सरकार को भेज रखी है लेकिन साक्षात्कार का मामला आरपीएससी में अटका हुआ है।
सभी जिलों में समस्या राज्य का जालौर जिला एेसा हैं जहां तहसीलदारों के सभी 9 पद भरे हुए हैं जबकि हनुमानगढ़ व चूरू में नायब तहसीलदारों के सभी पद भरे हुए है। इनके अलावा राज्य का एेसा कोई जिला नहीं है जहां तहसीलदार व नायब तहसीलदार के पद रिक्त नहीं हैं। जिलों के कलक्टर राजस्व मंडल को जिले की तहसीलों में में तहसीलदार व नायब तहसीलदरों के रिक्त पदों को भरने के लिए राजस्व मंडल अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं।