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अजमेर

Bisalpur: भरवा क्षमता का दस प्रतिशत पानी भी नहीं बचा है बांध में

Bisalpur dam: 2.25 टीएमसी पानी ही बचा है
Bisalpur dam: 38.70 टीएमसी है भराव क्षमता
विधानसभा में उठा मुद्दा

अजमेरJul 24, 2019 / 12:43 pm

Amit

Bisalpur dam: only 2.25 tmc water in dam less then 10 of capacity

Bisalpur: भरवा क्षमता का दस प्रतिशत पानी भी नहीं बचा है बांध में

अजमेर. (Ajmer)

अजमेर सहित कई जिलों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध (Bisalpur dam) में नाममात्र का पानी बचा है। बांध में उसकी भराव क्षमता का दस प्रतिशत भी पानी नहीं बचा है। राज्य की विधानसभा में भी यह मुद्दा उठ रहा है। अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार को अजमेर से सौतेला व्यवहार छोडकऱ अजमेर में पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है।
देवनानी ने पर्ची के माध्यम से बीसलपुर बांध (Bisalpur dam) में पानी की कमी और पेयजल संकट (water problem) का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि अजमेर शहरी और ग्रामीण इलाके बीसलपुर बांध परियोजना पर निर्भर है। वर्तमान में बांध (Bisalpur dam) में 2.25 टीएमसी पानी ही बचा है। इसकी कुल भराव क्षमता 38.70 टीएमसी है। बांध (Bisalpur dam) में एक महीने की जलापूर्ति लायक भी पानी नहीं है। सरकार और जलदाय विभाग ने कोई वैकल्पिक प्रबन्ध नहीं किए हैं। गंभीर जल संकट से निपटने की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। ब्राह्मणी नदी का पानी लाने के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार ने 6 हजार करोड़ की योजना स्वीकृत की थी। इसकी डीपीआर बनाने की कार्रवाई शुरु हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
जलदाय विभाग नाकाम
देवनानी ने कहा कि बीते छह महीने से बीसलपुर (Bisalpur dam) से मिलने वाले पानी में कटौती जारी है। अजमेर में 72 घंटे के अन्तराल से भी अपर्याप्त पेयजल आपूर्ति हो रही है। पेराफैरी गांवों में तो 5 से 7 दिन के अन्तराल से आपूर्ति हो रही है। विभाग खराब हैंडपंप नहीं सुधार पाया है। शहर में बीते साल स्वीकृत हैंडपंप अब तक नहीं खोदे गए हैं। महकमा पेयजल व्यवस्था को सुधारने में नाकाम साबित हुआ है।
तत्काल करें उपाय
सरकार ने जयपुर की पेयजल व्यवस्था के लिए 288 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसी तरह अजमेर के कटिन्जेंसी प्लान के लिए तत्काल बजट स्वीकृत करना चाहिए। पारंपरिक जलस्त्रोतों की सार-संभाल, नए ट्यूबवेल, हैंडपंप खुदवाने के अलावा पाइप लाइन के लीकेज ठीक कराने, अवैध कनेक्शन काटने और भविष्य में फायसागर और आनासागर झील का पानी उपयोग करने पर ध्यान देने की जरूत है।

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