लवकुश उद्यान में फूडकोर्ट का निर्माण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया गया। फूडकोर्ट को 3 अक्टूबर 2018 को ठेकेदार को ठेके पर दिया गया। करीब एक साल पहले फूडकोर्ट का निरीक्षण करने आई टीम में शामिल अधिकारी ने फूडकोर्ट के बीच में बने अस्थायी निर्माण को हटाने के निर्देश दिए। ठेकेदार ने निर्माण को हटा भी दिया। 6 सितम्बर 2019 को ठेकेदार ने नगर निगम प्रशासन से रसोईघर, गार्डरूम और ऑफिस बनाने की अनुमति मांगी। इस पर तत्कालीन उपायुक्त ने निर्माण की अनुमति भी दे दी। इस पर निर्माण कार्य भी हो गया। गत दिनों नगर निगम की साधारण सभा में फूडकोर्ट में नियम विरुद्ध निर्माण को हटाने के निर्देश दिए। नगर निगम की टीम फूडकोर्ट में हुए नियम विरुद्ध निर्माण को हटाने पहुंचे।
इनका कहना है…फूडकोर्ट का ठेका 38.70 लाख रुपए सालाना में लिया है। निगम की अनुमति के बाद ही निर्माण किया था। अब इसे नियम विरुद्ध बताया जा रहा है। उसे हटाने के लिए नोटिस भी नहीं दिया गया। निगम 18 महिने बाद भी एग्रीमेंट नहीं कर रहा है। इससे मुझे प्रतिमाह हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है।
– दीपक जैन, ठेकेदार फूडकोर्ट
साधारण सभा में फूडकोर्ट में नियम विरुद्ध किए गए निर्माण को हटाने के निर्देश दिए थे उसकी अनुपालना में यह हटाया गया है। ठेकेदार ने अपने स्तर पर इसे हटाने की बात कही है।
– ओ.पी.धींधवाल, एक्सइएन नगर निगम