अजमेर जिले में करीब 700 से अधिक टेंट व्यवसायी, 350 से ज्यादा हलवाई-केटर्स हैं। इनसे 30 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। जिनमें फ्लावर डेकोरेशन, डीजे साउन्ड, लाइट-बैंड और अन्य शामिल हैं। अधिकांश हलवाइयों ने कोरोना संक्रमण और सख्त पाबंदियों के चलते बड़े ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं। सिर्फ शादियों में 11 लोगों को अनुमत करने से कैटर्स और हलवाइयों को नुकसान हो रहा है।
लॉकडाउन के चलते अजमेर सहित ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, केकड़ी और अन्य इलाकों में सर्राफा की दुकानें बंद हैं। अक्षय तृतीय के अबूझ सावों पर हर साल सोने-चांदी के आभूषणों का लाखों का कारोबार होता रहा है। लेकिन लगातार दूसरे साल सर्राफा व्यवसायी मायूस हैं। कई लोगों के शादी-समारोह स्थगित करने और दुकानें बंद होने से उन्हें नुकसान हो रहा है।
-सरकार के पोर्टल पर शादी-समारोह की सूचना नहीं देने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना
-सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क नहीं लगाने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना
-बारात में बस, ऑटो, टेम्पो, ट्रेक्टर, जीप का इस्तेमाल करने पर पाबंदी
-शादी-रिसेप्शन के सामूहिक भोज पर पाबंदी, 1 लाख का जुर्माना
-मेरिज गार्डन, होटल, सामुदायिक भवन के इस्तेमाल या इजाजत देने पर 1 लाख का जुर्माना
-डीजे बजाने, हलवाई बुलाने, टेंट लगवाने पर पाबंदी
– 11 मेहमान से ज्यादा बुलाने पर 1 लाख का जुर्माना