पीडि़त परिवार की ओर से अधिवक्ता माधव मित्र ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में अजमेर की पॉक्सो कोर्ट (pocso court) से 10 जुलाई 19 को आर्य को अग्रिम जमानत मिल गई और अधीनस्थ अदालत ने राजनीतिक व सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने के आधार पर जमानत (bail) दे दी। पीडि़त परिवार ने अधीनस्थ अदालत के आदेश का विरोध करते हुए अग्रिम जमानत (anticipatory bail) का आदेश रद्द करने की गुहार की। इस पर कोर्ट (court) ने आर्य को नोटिस (notice) जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व उपसभापति सोमरत्न आर्य के खिलाफ अजमेर के क्रिश्चियनगंज (police) थाने में नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। बाद में पीडि़ता के कोर्ट में भी बयान हुए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के डर से पूर्व उपमहापौर भूमिगत हो गए थे। उनकी ओर से भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष को भी इस्तीफा दिया था। पुलिस ने कई जगह-जगह उनकी तलाश भी की थी। लेकिन वे नहीं मिले। इस दौरान सोमरत्न आर्य की ओर से वकील ने अजमेर में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। बाद में कोर्ट ने आर्य को अग्रिम जमानत दे दी थी। इसके बाद में आर्य सामने आए थे।