पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि एक से 30 नवम्बर तक चलने वाले अभियान में बाल कल्याण अधिकारी को थाना क्षेत्र के प्रत्येक गुमशुदा बालक के केस में पूर्णनिष्ठा के साथ कार्य करते हुएबच्चों को उनके परिवार से मिलवाने के प्रयास करने होंगे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार टेवतिया ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 में लापता बच्चों की सूचना चौबीस घंटे में भारत सरकार के निर्धारित पोर्टल पर अपलोड कर बच्चों की तलाश करें। विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व एडीजी रामपाल जाट ने कहा कि बच्चों के पुनर्वास किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बैठक का उद्देश्य भी सभी विभागों का समन्वय से बच्चों को उनके बचपन में हुए शोषण से मुक्त करवाकर पुनर्वास करते हुए उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडऩा है। बैठक में मानव तस्करी शाखा के उप निरीक्षक अशोक विश्नोई ने केन्द्र सरकार की वेब पोर्टल की जानकारी दी। सिमें बाल अधिकारियता विभाग की सहायक निदेशक रूची मौर्य, जिला बाल कल्याण समिति सदस्य तब्सुम, राजलक्ष्मी व रूपेशकुमार ने समिति की ओर से चलाए जा रहे अभियान में सकारात्मक सोच रखते हुए सहयोग की बात कही। चाइल्ड लाइन निदेशक फा. विशाल ने बच्चों से संबंधित मुद्दों पर बोले। कार्यक्रम में मानव तस्करी विरोधी युनिट प्रभारी कल्पना राठौड़, चाइल्ड लाइन कॉलेब समन्वयक वनिता पंवार, रेलवे समन्वयक हर्ष शर्मा, सब सेंटर समन्यवक जगदीश शर्मा, चेतन रावत और 33 थानों के बाल कल्याण अधिकारी शामिल हुए। जिला समन्वयक कुशाल सिंह रावत ने कार्यशाला का संचालन किया।