दरअसल टंडन पर कानूनी शिकंजा कसने के साथ ही शहर के वकील भी दो धड़ों में बंट गए हैं। पहला धड़ा टंडन की बार सदस्यता समाप्त करने की मांग पर अड़ा है जबकि दूसरा धड़ा इसके पक्ष में नहीं। बार एसोसिएशन ने भी टंडन प्रकरण से हाथ खींच लिए हैं। यह तय किया गया है कि अब इस मामले में बार में कोई चर्चा नहीं होगी।
टंडन के खिलाफ कुल चार महिला आइएएस ने अश्लीलता फैलाने और उनकी छवि खराब करने के आरोप में कोतवाली और सिविल लाइन्स में चार प्रकरण दर्ज कराए हैं। एक आइएएस शुक्रवार को 164 के बयान दर्ज कराने पेश नहीं हो सकीं। अब उनके बयान बाद में दर्ज किए जाएंगे।
इनका कहना परिवादी महिला आइएएस अधिकारियों को चैम्बर में बैठाने पर आपत्ति जताई थी। उसके बाद उन्हें कक्ष से बाहर भेजा गया। राजेश टंडन ने कानूनी लड़ाई अपने स्तर पर लडऩे की बात कही है। इस प्रकरण में अब बार की तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
अजय त्रिपाठी, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
मैनें बार को कोई पत्र नहीं लिखा है। मैं अपनी कानूनी लड़ाई पहले भी लड़ता आया हूं और लड़ता रहूंगा। राजेश टंडन, वकील