आयोग इन परीक्षाओं के माध्यम से शिक्षा विभाग की 13 हजार भर्तियां करेगा। आवेदन करने वाले 17.80 में से उत्तीर्ण चयनित होने वाले 13 हजार अभ्यर्थियों को छोडकऱ 17.50 लाख अभ्यर्थी फिर भी बेरोजगार रह जाएंगे। इनमें से आयोग वरिष्ठ अध्यापक विशेष शिक्षा (माध्यमिक शिक्षा विभाग) को छोडकऱ अधिकांश परीक्षाएं करा चुका है।
विभिन्न शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणामों का अभ्यर्थियों-बेरोजगारों को इंतजार है। इन परीक्षाओं को तीन से सात महीने बीत चुके हैं। आयोग स्तर पर उत्तर कुंजी जारी करने, कुंजी पर ऑनलाइन आपत्तियां लेने का कार्य हो चुका है। फिर भी भर्ती परिणामों का अता-पता नहीं है। आयोग ने एमबीसी, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लेकर जवाब मांगा था। इनमें से कुछ भर्तियों के मामले में जवाब मिल चुका है।
आयोग 15 साल पहले तक सिर्फ आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा परीक्षा, कॉलेज व्याख्याता परीक्षा का आयोजन करता था। पूर्व भाजपा सरकार ने साल 2004 में इसे फस्र्ट ग्रेड, सेकंड ग्रेड और तृतीय श्रेणी शिक्षक सहित कृषि, तकनीकी, चिकित्सा शिक्षा और अन्य भर्तियां सौंप दी। दूसरी तरफ आयोग में लगातार सेवानिवृत्तियों से स्टाफ सीमित होता चला गया। आयोग ने खुद की भर्तियों के लिए सरकार और कार्मिक विभाग को पत्र भेजे पर कोई जवाब नहीं मिल पाया है।
वरिष्ठ अध्यापक विशेष शिक्षा (माध्यमिक शिक्षा विभाग) परीक्षा-2018 का आयोजन 3 से 5 जुलाई तक होगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग की व्याख्याता प्रतियोगी परीक्षा-2018 का आयोजन 15 से 19 जुलाई और इसके बाद 22 से 25 जुलाई तक होगा। मालूम हो कि पूर्व में यह परीक्षा 15 से 23 जनवरी तक प्रस्तावित थी। प्रदेश भर के अभ्यर्थियों ने परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की मांग करते हुए धरने दिए थे।
प्राध्यापक-5000 पद
96 हजार से ज्यादा आवेदन
वरिष्ठ अध्यापक सेकंड ग्रेड-8000
पद 8 लाख से ज्यादा आवेदन