प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा गुजरात सरकार के सहयोग से पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय इस परियोजना पर काम कर रहा है। यहां प्राचीन से लेकर आधुनिक समय तक के भारत की समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही नवीनतम तकनीक का उपयोग कर भारत की समुद्री विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपनाया जाएगा।
विश्व का सबसे ऊंचा लाइट हाउस म्यूजियम400 एकड़ वाले इस परिसर में विश्व का सबसे ऊंचा लाइट हाउस म्यूजियम, विश्व की सबसे बड़ी ओपन एक्वेटिक गैलरी और भारत का सबसे भव्य नेवल म्यूजियम यहां का आकर्षण बनेगा। यह आइकॉॅनिक लाइट हाउस म्यूजियम 77 मीटर ऊंचा होगा वहीं 65 मीटर पर ओपन गैलरी होगी। यहां ओपन एयर व्युइंग गैलरी होगी। रात्रि में लाइट शो भी होगा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से यह विश्व स्तरीय सुविधा वाला परिसर तैयार किया जा रहा है। इसे तीन चरणों में निर्मित किया जाएगा। पहले चरण का काम आरंभ हो गया है। पद्मभूषण हाफिज कांट्रेक्टर और उनकी डिजाइनरों की टीम ने इस परिसर की डिजाइन तैयार की है। इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में 774 करोड़ का खर्च होगा। इस केन्द्र को जोड़ने वाली चारमार्गीय सड़क बनेगी। इसके अलावा 66 किलोवॉट का सब स्टेशन भी बनाया जाएगा। यह सिर्फ मेरिटाइम कॉम्प्लेक्स ही नहीं बल्कि अध्ययन के लिए इंस्टीट्यूट भी होगा। अहमदाबाद का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लोथल से सबसे नजदीक है। यहां सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
लोथल विश्व का सबसे पहला मानव सर्जित डॉकयार्डलोथल का डॉकयार्ड विश्व का सबसे पहला मानव सर्जित ड़ॉकयार्ड है, जो आज से पांच हजार वर्ष पहले बनाया गया था। भारत के मेरिटाइम इतिहास और टेक्नोक्रेट के मिश्रण के साथ बनने वाला यह हेरिटेज कॉम्प्लेक्स लोगों के लिए एक दर्शनीय स्थल के साथ-साथ अध्ययन का केन्द्र बनेगा। उल्लेखनीय है कि प्राचीन काल में लोथल सिर्फ सिंधु घाटी की संस्कृति का व्यापार केन्द्र नहीं बल्कि भारत की समुद्री शक्ति और समृद्धि का प्रतीक भी था। एक समय ऐसा भी था जब लोथल बंदरगाह 84 देशों के ध्वज से चिन्हित था।
तटीय राज्यों का पवेलियन होगाम्यूजियम में हड़्प्पा सभ्यता और जीवनशैली को पुन: उजागर किया जाएगा। यहां कई शोध और अनोखी सुविधाएं विकसित होगी। म्युजियम में 14 गैलेरी बनेंगी और अन्य राज्य व केन्द्रशासित राज्यों की विभिन्न समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने वाले कोस्टल स्टेट्स पवेलियन भी बनाया जाएगा।
पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र इस हेरिटेज म्यूजियम में फ्लोटिंग रेस्टोरेन्ट की सुविधा भी होगी। 100 कमरों का टेन्ट सिटी और रिसोर्ट भी तैयार होगा। म्यूजियम में घूमने के लिए ई-कार की व्यवस्था होगी। 500 ई-वाहनों की सुविधा होगी।मेरीटाइम यूनिवर्सिटी बनेगी
सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि यहां नेशनल मेरिटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स में मेरिटाइम यूनिवर्सिटी बनेगी, जहां मेरीटाइम की डिग्री मिलेगी। साथ ही छात्रों के एक्सचेंज प्रोग्राम को गति मिलेगी। मेरिटाइम रिसोर्ट भी होगा परिसर की अनूठी विशेषता प्राचीन लोथल शहर की फिर से रचना है, जो 2400 ईसा पूर्व से प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक है। परिसर में प्रत्येक तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कलाकृतियों या समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए मंडप होगा। परिसर में समुद्री और नौसेना थीम पार्क, स्मारक पार्क, जलवायु परिवर्तन थीम पार्क, साहसिक और मनोरंजन थीम पार्क, लाइट हाउस म्यूजियम, हेरिटेज थीम पार्क, म्यूजियम थीम होटल और मेरिटाइम थीम इको-रिसॉर्ट्स और समुद्री संस्थान होंगे।जोधपुर के गुलाबी पत्थर का इस्तेमाल
परिसर के निर्माण में जोधपुर से विशेष रूप से गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया जाएगा।यह होंगी विशेषताएं • समुद्री इतिहास को सीखने तथा समझने का केन्द्र बनेगा – गुजरात सरकार ने 375 एकड़ भूमि आवंटित की
-समुद्री विरासत के व्यापक अनुभव को महसूस करने के लिए वर्चुअल रियल्टी का इस्तेमाल – भव्य नेवी गैलरी बनेगी, जिसमें आईएनएस निशांक, सी हेरियर जेट्स और नेवी चौपर्स का प्रदर्शन होगाा- लाइट एंड साउंड शो
– टच स्क्रीन कियॉस्क- समुद्री इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाओं पर लघु फिल्में।