टीआरबी जवानों की बर्खास्तगी पर विवाद बढ़ा
आज अहमदाबाद कलक्ट्रेट के बाहर टीआरबी के जवान दिखे। जवानों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर नारे लगाए। गुजरात पुलिस द्वारा राज्य के लगभग 09 हजार ट्रैफिक ब्रिगेड कर्मियों को ऐसे अचानक नौकरी से निकालने के फैसले पर आक्रोश फैल गया। कई जवान इतने सालों से अपनी सेवा दे रहा हैं अब इस फैसले के बाद से रोजी रोटी की चिंता पैदा हो गई है। कुछ सेवानिवृत्त सैनिक बूढ़े हो रहे हैं और उन्हें चिंता है कि अब उन्हें नौकरी कौन देगा?
इस पर सभी का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में याचिका दायर कर कहा था कि अगर सरकार टीआरबी जवानों को यातायात विभाग में नहीं रखना चाहती है तो उन्हें किसी अन्य विभाग में शामिल किया जाए।
टीआरबी जवानों को रिटायर करने का सरकार का फैसला
राज्य के कुल 9000 टीआरबी जवानों में से 1100 जवानों को 10 साल पूरे होने पर 30 नवंबर 2023 को सेवामुक्त कर दिया जाएगा। जबकि 3000 जवानों को 31 दिसंबर 2023 को छुट्टी दे दी जाएगी क्योंकि उन्हें पांच साल से ज्यादा हो गए हैं। इसके अलावा 2300 टीआरबी जवानों को 31 मार्च, 2024 को छुट्टी दे दी जाएगी क्योंकि 3 साल से अधिक समय हो गया है।
इसपर गुजरात के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया गया है। साथ ही सरकार को पत्र लिखकर इस सर्कुलर को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। वर्षों से अपनी सेवा दे रहे टीआरबी कर्मी अचानक सेवामुक्त करने के सरकार के फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के पूरे मूड में हैं।
टीआरबी कर्मचारी आज हड़ताल पर चले गये हैं। टीआरबी कर्मियों की छंटनी के फैसले का विरोध हो रहा है। टीआरबी प्रमुख और अन्य कर्मचारी कल बीजेपी कार्यालय भी पहुंचे। उन्होंने भाजपा नगर अध्यक्ष से मुलाकात की।
सूरत में प्रार्थना पत्र देंगे
सूरत में बड़ी संख्या में करीब 1600 टीआरबी जवान जुटे हैं. ये जवान एक साथ आकर प्रार्थना पत्र देंगे। मंगलवार को भी सूरत के भतार स्थित ईश्वर फार्म में बड़ी संख्या में टीआरबी जवान जुटे और नेताओं की मौजूदगी में खास रणनीति तैयार की। इस संबंध में गुजरात कांग्रेस रीजन ओबीसी सेल के महासचिव कल्पेश बारोट ने कहा कि ऐसी आशंका है कि सरकार के इस फैसले से हजारों टीआरबी कर्मी बेरोजगार हो जायेंगे।
टीआरबी जवान की आपबीती
टीआरबी जवान ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा, ‘जो लोग काम करने आते हैं, वे सबसे पहले सैलरी बढ़ाने की मांग करते हैं। सरकार ने वेतन तो नहीं बढ़ाया लेकिन इतनी बड़ी संख्या में जवानों को बर्खास्त कर दिया है। तो लोग अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे और अपनी आजीविका कैसे चलाएंगे।
कई वीडियो में महिला टीआरबी जवान को अपना दुख प्रकट करते देखा गया। नम आंखों से टीआरबी जवानों ने कहा, “अब हमारे घर कैसे चलेंगे, बिना नौकरी के हम कहां जाएंगे?”