वित्त मंत्री कनू देसाई ने कहा कि इस योजना के तहत न सिर्फ किशोरियों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा, बल्कि उनके स्वास्थ्य और पोषण पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। सरकारी, अनुदानित स्कूलों में ही नहीं निजी स्कूलों में भी कक्षा 9 से 12 तक में पढ़ने वाली किशोरियों को इसके तहत आर्थिक मदद दी जाएगी। इससे कन्या ड्रॉप आउट रेट घटेगा। इससे 10 लाख किशोरियों को लाभ होगा। इस पर सरकार 1250 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
वित्त सचिव जे पी गुप्ता ने कहा कि वार्षिक छह लाख रुपए आय वाले परिवार की किशोरियों को इसका लाभ दिया जाएगा, इसके तहत कक्षा 9 एवं 10 में पढ़ने वाली किशोरियों को वार्षिक 10 हजार और 11-12 वीं कक्षा में पढ़ने वाली किशोरी को वार्षिक 15 हजार की मदद दी जाएगी। चार साल में 50 हजार की आर्थिक मदद दी जाएगी। वित्त विभाग में आर्थिक मामलों की सचिव आरती कंवर ने बताया कि यह एक परिवर्तनकारी योजना साबित होगी। इस साल के बजट की यह सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक योजना है।
जच्चा-बच्चा के पोषण को सालाना 12 हजार की मदद
राज्य में हर साल जन्म लेने वाले 12 लाख बच्चों के पोषण और गर्भवती महिलाओं के पोषण पर ध्यान देते हुए नमोश्री योजना की घोषणा की है। इसके तहत सरकारी, अनुदानित और निजी अस्पताल में प्रसूति कराने पर एससी, एसटी, एनएफएसए, पीएमजेएवाई, दिव्यांग सहित 11 मापदंडों में आने वाली गर्भवती महिलाओं को सालाना 12 हजार की मदद दी जाएगी। तीन से चार चरण में यह मदद दी जाएगी। अब तक 6 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके लिए 750 करोड़ का प्रावधान किया है।
विज्ञान में छात्रों की संख्या बढ़ाने को छात्रवृत्ति देगी सरकार
न्यू एज टेक्नोलॉजी के बढ़ रहे चलन एवं मांग को देखते हुए राज्य में विज्ञान संकाय में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए गुजरात सरकार सालाना 10-15 हजार रुपए की छात्रवृत्ति छात्रों को देगी। इसके लिए वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री ने नमो सरस्वती विज्ञान साधना योजना शुरू करने की घोषणा की है। योजना के तहत 10वीं की बोर्ड परीक्षा 50 फीसदी से ज्यादा अंक के साथ उत्तीर्ण करने वाले और 11वीं और 12वीं साइंस में प्रवेश लेने वाले मेधावी विद्यार्थियों को सालाना 10-15 हजार छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए बजट में 250 करोड़ का प्रावधान किया है। इस योजना से राज्य में विज्ञान संकाय में छात्रों की संख्या पांच साल में दो लाख से बढ़कर पांच लाख होने का अनुमान है।