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अहमदाबाद

India’s model village punsari, facility like cities देश के आदर्श गांव पुुंसरी का मूल मंत्र-आत्मा गांव की, सुविधा शहर सी

गांव का पानी गांव में, गांव का रोजगार गांव मेंऔर गांव की बात गांव में हैं तीन आधार, मिनरल ठंडा पानी, पक्के रास्ते, सीसीटीवी कैमरे, वाई फाई सेवा, स्मार्ट क्लासेस, एलईडी लाइट, खुद की इंटरनल बस की सुविधा है

अहमदाबादAug 12, 2019 / 06:41 pm

nagendra singh rathore

Punsari village

India’s model village punsari, facility like cities देश के आदर्श गांव पुुंसरी का मूल मंत्र-आत्मा गांव की, सुविधा शहर सी

नगेन्द्र सिंह

पुंसरी गांव (साबरकांठा). पहले गुजरात और फिर देशभर में आदर्श गांव बनने वाले साबरकांठा जिले के पुंसरी गांव के विकास के तीन मूल आधार हैं। पहला -गांव का पानी गांव में, दूसरा-गांव की बात गांव में और तीसरा- गांव का रोजगार गांव में। मूलमंत्र है आत्मा गांव की और सुविधा शहर सी।
यह कहना है इस गांव को देशभर में ही नहीं अध्ययन के लिहाज से विश्व के नक्शे पर लाने वाले पूर्व सरपंच हिमांशु पटेल का। जिन्होंने 2006 में बतौर पहली बार २९ साल की आयु में सरपंच का चुनाव क्या जीता, इस गांव की सूरत ही बदल दी। 2006 से पहले गांव में पानी की, खराब सड़कों की समस्या थी। इसे दूर करने का बीड़ा हिमांशु पटेल ने उठाया। कुछ मुश्किलें भी आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, जिसने विरोध किया उसे भी साथ लेकर आगे बढ़े। नतीजा ये रहा कि दूसरी बार भी सरपंच चुने गए। लगातार 10 साल २०१६ तक सरपंच रहने पर गांव के विकास पर ध्यान दिया। ज्यादातर काम सरकारी योजनाओं के बूते कराए। गांव का कोई व्यक्ति एनआरआई नहीं है ना ही किसी अन्य एनजीओ की मदद ली गई है।
बाजार में ठंडे पानी की 20 लीटर की जो बोतल (जार) २० से २५ रुपए में मिलती है वह इस गांव में घर-घर महज चार रुपए में उपलब्ध कराई जाती है। ग्राम पंचायत का खुद का आर ओ प्लांट है। सभी रस्ते आर सी सी के बने हैं। एलईडी स्ट्रीट लाइट करीब 5 साल से भी ज्यादा समय से लगी हैं।
6000 की आबादी वाले इस गांव की खुद की बस सेवा है। जो इस ग्राम पंचायत से जुड़े तीन परा-एक अमरापुर, दूसरा अजमिलपुर और तीसरे भराडिया से आने-जाने वाले महिलाओं, पुरुषों, स्कूली बच्चों को ग्राम पंचायत तक लाने का काम करती है। टोकन किराए पर। गांव की बस सेवा का नाम अटल एक्सप्रेस है। इसका लाभ सुबह शाम गांव में स्थित दो डेयरियों में दूध लेकर आने वाले एवं स्कूली बच्चे उठाते हैं। ये सेवा देने वाली पुंसरी देश की पहली ग्राम पंचायत है।
पूरे गांव में हर मोहल्ले में २५ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिनसे 24 घंटे नजर रखी जाती है। देश में पुंसरी पहली ग्राम पंचायत है जिसकी खुद की पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम है। गांव में 120 लाउड स्पीकर लगे हैं। हर मोहल्ले में इसे लगाया है। स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे हैं। ७ साल से ज्यादा समय से गांव से कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। झगड़ा हो भी जाए तो गांव में ही सुलझा लिया जाता है। सौ से ज्यादा स्वयं सहायता समूह चलते हैं। 24 घंटे बिजली है। मुद्रा योजना का लाभ लेने वालों की संख्या के लिहाज से भी पुंसरी आगे है। 110 परिवार ने इसका लाभ लिया है। पैसे लेकर उसे कृषि, स्व रोजगार, पशुपालन में लगाया और लिया कर्ज चुकाया। यही वजह है कि वर्ष 2011 में गुजरात सरकार की ओर से और 201४ में देश के श्रेष्ठ गांव का पुरस्कार पुंसरी गांव को मिल चुका है।


देश-विदेश के कई प्रतिनिधि मंडल ने किया दौरा
पुंसरी गांव की तर्ज पर खुद के गांव को विकसित करने के लिए राजस्थान से लेकर देश के अन्य राज्यों और विदेशों के भी कई प्रतिनिधि मंडलों ने दौरा किया है। करीब 62 देशों का प्रतिनिधिमंडल भी दौरा कर चुका है। पीएम बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार के अधिकारियों को भी इस गांव का अध्ययन करने भेजा।
आदर्श गांव पुसंरी में ये हैं सुविधाएं
-देश का पहला वाई फाई गांव
-देश का पहला गांव जहाँ मोबाइल लाइब्रेरी
-देश का पहला गांव जिसमें सौ फीसदी एल ई डी स्ट्रीट लाइट
-देश का पहला गांव जिसमें पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम
-देश की पहली ग्राम पंचायत जिसकी खुद की बस सेवा है
-ग्राम पंचायत का मिनरल वाटर प्लांट, टोकन दर पर ठंडा पानी
-गांव के सौ फीसदी लोगों के बैंक में खाते
-घर घर से गीला और सुखा कचरा ट्रैक्टर से लिया जाता है
-पुरे गांव में सीसीटीवी कैमरे
-सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे
-सभी गांव वालों को प्रधानमंत्री बीमा योजना से जोड़ा गया है
-पुरे गांव में आर सी सी रोड है
-ग्राम पंचायत में आग बुझाने और रोड साफ करने की मशीन
-5 प्राइमरी, 8 आंगनवाडी, 1 हाई स्कूल है
-कौशल वर्धन केंद्र-कंप्यूटर, सिलाई, मेहंदी का प्रशिक्षण
-2 दुधमण्डली
-गांव में 2 बैंक
-पशु दवाखाना
-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है
-डाक घर
-पुलिस आउटपोस्ट
-सस्ते दर पर अनाज की दुकान
-गांव का जीआईएस जीपीएस से सर्वेक्षण
-सभी आशा वर्कर के पास टैबलेट है
खुशी है कि पूरे देश में अपनाया जा रहा है पुंसरी गांव मॉडल
इस बात की खुशी है उनसे गांव का मॉडल आज पूरे गुजरात में नहीं, देशभर में अपनाया जा रहा है। गांव में जब शुरुआत की तब पुरस्कार के बारे में तो कभी नहीं सोचा था। उन्होंने गांव को विकसित करने के दौरान मूलमंत्र अपनाया ‘आत्मा गांव की रहे और सुविधा शहर सी मिलेÓ। तीन मुख्य आधार रखें जिसमें पहला गांव का पानी गांव में रहे, गांव की बात गांव में रहे और गांव का रोजगार भी गांव में रहे-इसे अपनाया और इसी पर काम किया। लोगों का भरपूर सहयोग रहा। ज्यादातर काम सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं को लागू करके किया है। एनआरआई या किसी एनजीओ का कोई पैसा यहां नहीं लगाया है। ७ साल से गांव से कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। ७ वर्षों से सरकारी स्कूल का ड्रॉपआउट जीरो है। गांव के अंदर ही साढ़े तीन किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी सीवरेज लाइन बिछी है। मिनरल वॉटर, ठंडा पानी दिया जाता है। 24 घंटे बिजली, बस सेवा, लाइब्रेरी, सीसीटीवी कैमरे, पक्के रास्ते, पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम, स्ट्रीट लाइट सेवा है। ये इसे खास बनाता है। सरपंच नहीं सीईओ बन काम किया। पंचायत कार्यालय में तय समय तक उपस्थित रहकर समस्याओं को सुना हल किया और लोगों का दिल जीता।
-हिमांशु पटेल, पूर्व सरपंच, पुंसरी गांव को आदर्श गांव बनाने वाले
himanshu patel

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