देश-विदेश के कई प्रतिनिधि मंडल ने किया दौरा
पुंसरी गांव की तर्ज पर खुद के गांव को विकसित करने के लिए राजस्थान से लेकर देश के अन्य राज्यों और विदेशों के भी कई प्रतिनिधि मंडलों ने दौरा किया है। करीब 62 देशों का प्रतिनिधिमंडल भी दौरा कर चुका है। पीएम बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार के अधिकारियों को भी इस गांव का अध्ययन करने भेजा।
-देश का पहला वाई फाई गांव
-देश का पहला गांव जहाँ मोबाइल लाइब्रेरी
-देश का पहला गांव जिसमें सौ फीसदी एल ई डी स्ट्रीट लाइट
-देश का पहला गांव जिसमें पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम
-देश की पहली ग्राम पंचायत जिसकी खुद की बस सेवा है
-ग्राम पंचायत का मिनरल वाटर प्लांट, टोकन दर पर ठंडा पानी
-गांव के सौ फीसदी लोगों के बैंक में खाते
-घर घर से गीला और सुखा कचरा ट्रैक्टर से लिया जाता है
-पुरे गांव में सीसीटीवी कैमरे
-सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे
-सभी गांव वालों को प्रधानमंत्री बीमा योजना से जोड़ा गया है
-पुरे गांव में आर सी सी रोड है
-ग्राम पंचायत में आग बुझाने और रोड साफ करने की मशीन
-5 प्राइमरी, 8 आंगनवाडी, 1 हाई स्कूल है
-कौशल वर्धन केंद्र-कंप्यूटर, सिलाई, मेहंदी का प्रशिक्षण
-2 दुधमण्डली
-गांव में 2 बैंक
-पशु दवाखाना
-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है
-डाक घर
-पुलिस आउटपोस्ट
-सस्ते दर पर अनाज की दुकान
-गांव का जीआईएस जीपीएस से सर्वेक्षण
-सभी आशा वर्कर के पास टैबलेट है
इस बात की खुशी है उनसे गांव का मॉडल आज पूरे गुजरात में नहीं, देशभर में अपनाया जा रहा है। गांव में जब शुरुआत की तब पुरस्कार के बारे में तो कभी नहीं सोचा था। उन्होंने गांव को विकसित करने के दौरान मूलमंत्र अपनाया ‘आत्मा गांव की रहे और सुविधा शहर सी मिलेÓ। तीन मुख्य आधार रखें जिसमें पहला गांव का पानी गांव में रहे, गांव की बात गांव में रहे और गांव का रोजगार भी गांव में रहे-इसे अपनाया और इसी पर काम किया। लोगों का भरपूर सहयोग रहा। ज्यादातर काम सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं को लागू करके किया है। एनआरआई या किसी एनजीओ का कोई पैसा यहां नहीं लगाया है। ७ साल से गांव से कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। ७ वर्षों से सरकारी स्कूल का ड्रॉपआउट जीरो है। गांव के अंदर ही साढ़े तीन किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी सीवरेज लाइन बिछी है। मिनरल वॉटर, ठंडा पानी दिया जाता है। 24 घंटे बिजली, बस सेवा, लाइब्रेरी, सीसीटीवी कैमरे, पक्के रास्ते, पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम, स्ट्रीट लाइट सेवा है। ये इसे खास बनाता है। सरपंच नहीं सीईओ बन काम किया। पंचायत कार्यालय में तय समय तक उपस्थित रहकर समस्याओं को सुना हल किया और लोगों का दिल जीता।
-हिमांशु पटेल, पूर्व सरपंच, पुंसरी गांव को आदर्श गांव बनाने वाले