Gujarat: गुजरात की सौर ऊर्जा नीति की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाई
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Gujarat: गुजरात की सौर ऊर्जा नीति की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाई
अहमदाबाद. गुजरात ने अपनी सौर ऊर्जा नीति-2015 को इस वर्ष 31 दिसम्बर तक बढ़ा दी है। ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल के मुताबिक मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसे वर्षान्त तक आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
राज्य की सौर ऊर्जा नीति (सोलर पावर पॉलिसी-2015) को 31 दिसंबर, 2020 तक आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की विश्वव्यापी महामारी के हालात में राज्य सरकार ने विभिन्न नीतियों के मूल स्वरूप में अवधि बढ़ाने के लिए 14 हजार करोड़ रुपए के गुजरात आत्मनिर्भर पैकेज के तहत घोषणा की है। राज्य की सौर ऊर्जा नीति की अवधि गत 31 मार्च को ही पूरी हो गई थी, जिसे इस वर्ष के अंत तक बढ़ाया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा नीति-2015 की अवधि बढ़ाने के कारण अब राज्य के सोलर पावर प्रोजेक्ट डेवलपर्स कैप्टिव पावर प्रोजेक्ट, थर्ड पार्टी सेल के सोलर पावर प्रोजेक्ट तथा एमएसएमई इकाइयों, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उद्देश्य तथा सरकारी कार्यालयों, मकानों पर रूफ टॉप सोलर पावर प्रोजेक्ट आदि स्थापित कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि गुजरात देशभर में सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में अग्रणी राज्य है। 10,711 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता के समक्ष 3057 मेगावाट क्षमता पूरी की गई है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से देश में स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उत्पादन एवं दायरे को प्रोत्साहन देने के लिए अपनाए गए दृष्टिकोण के तहत 2022 तक गुजरात में 8,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने में इस सौर ऊर्जा नीति की बढ़ाई गई अवधि नया बल प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि इस नीति की अवधि बढ़ाने के परिणामस्वरूप राज्य की बिजली वितरण कंपनियां उनके नवीकरणीय ऊर्जा दायित्व के लक्ष्य भी पूरा कर सकेगी।
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