पुलिस को आशंका थी कि अजमेर की दरगाह में दीदार करने के लिए आरोपी पहुंचे लेकिन अजमेर से करीब 90 किलोमीटर दूर सरवाड़ शरीफ की दरगाह के समीप होने की मुखबिर से सूचना मिलने पर छुपे वेश में नजर रखना शुरू किया। इस बीच, गुरुवार को वहां पहुंचने पर चारों आरोपियों में शामिल जावेद मुसा कामदार, उसके पुत्रों नजीर उर्फ नफीस कामदार, कईम उर्फ सुलतान उर्फ मानिया कामदार के अलावा एक किशोर को पकड़ा।
हत्या के कई मामलों में लिप्त जावेद
आरोपी जावेद मुसा कामदार इससे पहले, वर्ष 1985 में अमरेली में मारपीट के मामले में पासा के तहत छोटा उदेपुर जेल में भेजा गया। वर्ष 1995-96 में जूनागढ़ में मारपीट के आरोप में पकड़ा गया था। वर्ष 2014 में हत्या के आरोप में अहमदाबाद के कागड़ापीठ पुलिस थानाकर्मियों के हाथों पकड़ा गया और जेल में रहा। वर्ष 2016 में 25 जनवरी को पैरोल पर रिहा होने के बाद से फरार था। उसी वर्ष उसने पुत्र नजीर उर्फ बाबो भी अहमदाबाद में हत्या के मामले में शामिल था और 19 अगस्त 2016 को पैरोल पर रिहा होने के बाद से फरार था। इसके बाद वर्ष 2016 में उसने जूनागढ़ में हत्या का प्रयास किया।
यह था मामला
गौरतलब है कि शहर के नटराज नगर में कैलाश पार्क निवासी व पशुपालन का कारोबार करने वाले गगजी जोधा चोहला के दूसरे नंबर का पुत्र कानो बुधवार दोपहर में साधु वासवाणी रोड पर गंगोत्री डेयरी के समीप फ्रूट की लॉरी पर गया। वहां किसी बात पर झगड़ा हुआ और फ्रूट व्यापारी ने काना की पिटाई कर दी।
सूचना मिलने पर काना के पिता गगाजी जोधा (55 वर्ष) व उनका बड़ा पुत्र हका गागजी चोहला (33 वर्ष) फ्रूट की लॉरी पर समाधान करने पहुंचे। इस दौरान फू्रट के व्यापारी चार जनों ने पिता-पुत्र पर छुरे व अन्य हथियारों से कथित तौर पर हमला किया। अचानक हमले के कारण क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पिता-पुत्र को गंभीर जख्मी हालत में निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां पहले पिता व बाद में पुत्र ने दम तोड़ दिया।