क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) शरद सिंघल ने बताया कि खेड़ा जिले के कठलाल में उकेरड़ी ना मुवाडा गांव में प्रतीक पटेल के फार्म हाऊस से चिराग, मिलिंद, प्रतीक व पंकिल को पकड़ा, जबकि राजस्थान के उदयपुर से राहुल जैन को पकड़ा है। जैन उदयपुर के हिरणमगरी नाकोडा कॉम्पलैक्स का मूल निवासी है।जानकारी के मुताबिक गत 11 नवंबर को एक मरीज की मौत के बाद हंगामा होते ही अगले दिन गुजरात मेडिकल बोर्ड (जीएमबी) की जैसे ही बैठक हुई वैसे ही चिराग व अन्य सभी आरोपी अहमदाबाद से फरार हो गए। चिराग, राहुल की गाड़ी में उदयपुर गया और वहां से राहुल के अलावा अन्य चार खेड़ा के कठलाल में मित्र प्रतीक पटेल के फार्म हाउस में आकर छिप गए। यहां दबिश देकर इन्हें पकड़ लिया गया वहीं उदयपुर से राहुल को पकड़ा। इस काम में 8 टीमें काम में जुटी थीं। आरोपी यहां टीवी पर हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे। साथ ही बाहर भी नहीं निकलते थे।
गांवों में कैंप लगा जबरन ऑपरेशन कर कमाई का जरिया
संयुक्त पुलिस आयुक्त सिंघल ने बताया कि जांच में सामने आया कि इस पूरे प्रकरण का मुख्य आरोपी चिराग राजपूत है जिसका मासिक वेतन 7 लाख रुपए है। मेडिकल रिप्रजेंटेटिव से काम शुरू करने वाला राजपूत पहले साल अस्पताल में वाइस प्रेसिडेंट था। वहां से ख्याति अस्पताल में आया। इसने ही गांवों में पीएमजेएवाई के तहत कैंप लगाकर इस प्रकार से कथित रूप से जबरन ऑपरेशन कर कमाई का काम शुरू किया। यह मिलिंद, प्रतीक और पंकिल के जरिए गांवों में कैंप कराता था। ग्रामीण इलाके के छोटे अस्पतालों के चिकित्सकों, गांव के सरपंचों से मुलाकात कर उन्हें कमीशन देकर कैंप लगाकर मरीजों को अस्पताल बुलाता और पीएमजेएवाई के तहत इमरजेंसी में जरूरत के बिना ही ऑपरेशन कर स्टेंट डालकर सरकारी योजना का लाभ लेता था। कैथ लैब में स्टेंट डालने की प्रक्रिया के दौरान हाजिर रहता था। चिराग के खिलाफ मुंबई में भी एक ठगी का केस दर्ज है। आरोपी राहुल सीए के साथ-साथ सीईओ है जो पहले साल अस्पताल में काम करता था। यह अस्पताल के सभी लेखा-जोखा तैयार करता है। कमीशन का सारा काम यह काम करता था। इसने कागजातों में अस्पताल को घाटे में बता रखा था।
अस्पताल की 70 फीसदी आय सरकारी योजना की राशि
जेसीपी सिंघल के मुताबिक प्राथमिक जांच में सामने आया है कि अस्पताल के वार्षिक टर्नओवर में 70 फीसदी आय सरकारी योजनाओं के तहत किए गए ऑपरेशन (पीएमजेवाई व अन्य) से मिली राशि है। 30 फीसदी आउटडोर पेशेंट (ओपीडी), कंसल्टिंग चार्ज व इंडोर पेशेंट से मिली राशि है। गत वर्ष एक साल में अस्पताल को 11 करोड़ रुपए सरकारी योजना के तहत मिले होने का पता चला है।
रशियन, चाइनीज एप के जरिए थे संपर्क में
सिंघल ने बताया कि आरोपी काफी शातिर हैं। इन्होंने अपने मोबाइल फोन, सिमकार्ड फेंक दिए थे। नए फोन, सिमकार्ड के जरिए ये सभी रशियन और चाइनीज एप के जरिए वाईफाई व डोंगल की मदद से एक दूसरे से संपर्क करते थे। इसी के चलते ये इतने दिनों तक पकड़ से दूर रहे।
स्थानीय चिकित्क के जिम्मे ही एनेस्थिसिया का काम
किसी भी प्रकार के ऑपरेशन में योग्य एनेस्थिसिया विशेषज्ञ की जरूरत होती है। हालांकि जांच में सामने आया है कि अस्पताल में स्थानीय चिकित्सक ही एनेस्थिसिया भी देता था जो गैरकानूनी भी है।
यह है मामला
ज्ञात हो कि 11 नवंबर को महेसाणा जिले की कडी तहसील के बोरीसणा गांव के 19 लोगों की ख्याति मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पहले एंजियोग्राफी और फिर उसी दिन 7 लोगों की एंजियोप्लास्टी कर दी गई। इसके बाद दो मरीजों-नागर सेनमा (72) और महेश बारोट (52) की मौत हो गई।–
इन आरोपियों की गिरफ्तारी
1) चिराग राजपूत (47)-अस्पताल का सीईओ 2) मिलिंद पटेल (52)- मार्केटिंग मैनेजर 3) प्रतीक भट्ट (37)-मार्केटिंग टीम का सदस्य 4) पंकिल पटेल (47)-मार्केटिंग टीम का सदस्य 5) राहुल जैन (37)-सीए व अस्पताल का सीईओ-