सेन्ट्रल जीएसटी के अधिकारियों ने अहमदाबाद के न्यू राणिप निवासी भरत भगवानदास सोनी पर निगरानी कर जांच शुरू की थी। जांच के दौरान आरोपी की कई बुलियद ट्रेडर्स से मिलीभगत सामने आई थी। आरोपी ने डायमंड, सोना-चांदी की खरीद-बिक्री दिखाकर बोगस बिल बनाए थे और करोड़ों की इनपुट क्रेडिट टैक्स हासिल की। आरोपी ने अपने परिजनों के नाम से अलग-अलग छह कम्पनियां बनाई थीं। इसके जरिए आरोपी जीएसटी रजिस्ट्रेशन, कराया था और उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए थे। ये सभी कम्पनियां सिर्फ कागजों पर ही थी। इन छह कम्पनियों के नाम से आरोपी ने 2435.96 करोड़ के बोगस बिल बनाकर 72.25 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया था।
उधर, इस मामले में दस हजार करोड़ रुपए के बोगस जीएसटी बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किए जाने का अनुमान है। सीजीएसटी अधिकारियों ने आरोपी को अदालत में पेशकर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में लिया। बाद में उसे साबरमती जेल भेज दिया। केन्द्र सरकार की स्टैण्डिंग काउंसिल के सुधीर गुप्ता विभाग की की ओर से उपस्थित थे। फिलहाल सीजीएसटी अधिकारी इस मामले और तफ्तीश कर रहे हैं।