दिनभर स्मारक में प्रवेश निशुल्क होने व मौसम खुशनुमा होने से सैलानियों की भीड़ उमड़ रही थी उर्स के लिए तीसरे दिन ताजमहल के तहखाने में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों को खोल दिया गया था सुबह फातिहा पढ़ा गया। इस दाैरान ढाेल-ताशों के साथ अकीदतमंदों ने ताजमहल में फूलों और कपड़ों की चादर चढ़ाईं। मुख्य मकबरे पर कव्वालियां गूंजती रहीं और रायल गेट पर शहनाई व नगाड़ा बजा।
धर्मगुरुओं की मौजूदगी में दक्षिणी गेट स्थित हनुमान मंदिर से चादर चढ़ाई गई। यह चादर पहले ताजमहल के पश्चिमी गेट पहुंची और वहां से उसे स्मारक में लाया गया। इसके बाद चादर को दक्षिणी गेट की सीढ़ियों पर ले जाया गया। वहां से चादर रायल गेट उद्यान होते हुए मुख्य मकबरे में तहखाने में स्थित शाहजहां की कब्र पर चढ़ाने को ले जाई गई। शाम को ताजमहल में लंगर तकसीम किया गया।