दरअसल, आगरा डीएम की अध्यक्षता में शुक्रवार सुबह 10 बजे शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की बैठक शुरू हुई। इस बैठक में सीडीओ प्रतिभा सिंह और सभी ब्लाक के बीडीओ और अन्य अधिकारी थे। बैठक शालीनता और शांतिपूर्ण ढंग से चल रही थी। इसी बीच जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने बरौली अहीर विकास खंड की समीक्षा की।
घटना की चर्चा आगरा से लखनऊ तक पहुंच गई है। बीडीओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह, अकोला की बीडीओ सुष्मिता यादव, एत्मादपुर-खंदौली के बीडीओ अमित कुमार, बिचपुरी की बीडीओ नेहा सिंह, सहायक विकास अधिकारी पंचायत अकोला शैलेंद्र सिंह सोलंकी भी मौजूद थे। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि एडीओ पंचायत द्वारा दी गई तरहरीर पर बीडीओ के खिलाफ सुसंगत धाराओं (323, 504, 506, 332 आईपीसी) में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बीडीओ की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। बीडीओ का मोबाइल बंद जा रहा है। वहीं इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लंबी बहस छिड़ी है। लोगों का तर्क था कि उफ ये अफसर, जब डीएम के साथ ऐसा बर्ताव कर सकते हैं तो जनता की बात कैसे सुनेंगे, समस्या का निस्तारण किस तरीके से करेंगे।
जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने अभद्रता की पुष्टि करते हुए कहा कि जन समस्याओं और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के कार्यों में लापरवाही अक्षम्य है। इधर, घटना के बाद से आरोपित बीडीओ का मोबाइल नंबर स्विच ऑफ है। विकास भवन के अधिकारी व कर्मचारियों में इस घटना के बाद दो गुट बन गए हैं। पूरे कलेक्ट्रेट में दिन भर इसी घटना की चर्चा होती रही। लखनऊ और दिल्ली के अधिकारियों ने मामले की जानकारी के लिए कई फोन किए।
30 मार्च 2023 में परियोजना निदेशक ने शिकायत की थी कि उन्होंने ग्राम पंचायत चिरहौली, गढ़ी बच्ची बरहन और नवलपुर विकास खंड एत्मादपुर में मनरेगा एवं राज्य वित्त से कराए गए कार्यों के निरीक्षण में 176971 रुपये की वित्तीय अनियमितता/गबन होना पाया। तत्कालीन आयुक्त ग्राम्य विकास जीएस प्रियदर्शी ने उपायुक्त मनरेगा को 9 जून 2023 में पत्र लिखकर नाराजगी जताई थी। जानकारी मांगी थी, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी की गई कार्रवाई से अवगत नहीं कराया गया।
बरौली अहीर के खंड विकास अधिकारी अनिरुद्ध चौहान पूर्व में भी चर्चित रहे हैं। साल 2022 में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक भीमजी उपाध्याय के साथ अभद्रता किए जाने पर शासन स्तर से जांच हो चुकी है। मनरेगा में गबन का मामला भी प्रकाश में आया था। इस मामले में दो माह तक जांच दबी रहने पर आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग ने उपायुक्त मनरेगा से नाराजगी भी जताई थी। साल 2022 में बीडीओ चौहान एत्मादपुर में तैनात थे। उस दौरान परियोजना निदेशक के साथ अभद्रता का मामला हुआ था। तब बीडीओ की शिकायत आयुक्त ग्राम्य विकास से की गई थी।
प्रांतीय विकास सेवा (पीडीएस) अधिकारी अनिरुद्ध सिंह चौहान तीन साल तक बीडीओ एत्मादपुर रहे हैं। छह फरवरी को एत्मादपुर से बरौली अहीर तबादला हुआ था। बरौली अहीर के बीडीओ अमित को एत्मादपुर भेजा गया था। वहीं अनिरुद्ध सिंह चौहान का प्रमोशन भी प्रस्तावित है। वह जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) बनेंगे, लेकिन जिस तरीके से डीएम से अभद्रता की गई, इसके बाद यह राह आसान नहीं होगी। बैठक में बीडीओ अकोला सुष्मिता यादव, बीडीओ एत्मादपुर अमित कुमार, बीडीओ बिचपुरी नेहा सिंह, एडीओ पंचायत अकोला शैलेंद्र सिंह और एडीओ पंचायत खंदौली पंकज कुमार मौजूद थे।