पुलिस को सूचना मिली थी कि डॉक्टर के अपहरण कांड का मास्टरमाइंड बदमाश बदन सिंह बीहड़ क्षेत्र में छिपा है। मौसम खराब होने की वजह से पुलिस बीहड़ क्षेत्र में नहीं पहुंच पा रही थी। ऐसे में पुलिस टीम ने कछपुरा क्षेत्र डेरा डाल रखा था। यहां पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। काफी देर तक मुठभेड़ हुई जिसमें दो बदमाश गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उपचार के दौरान बदन सिंह तौमर ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में एसएसपी आगरा और एसपी वेस्ट समेत अन्य अधिकारियों को गोली लगी लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट ने इन्हें बचा लिया। पुलिस टीम के दो अन्य सदस्य मुठभेड़ में घायल हुए हैं।
ये है पूरा मामला
दरअसल ट्रांसयमुना कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर उमाकांत गुप्ता का नाटकीय ढंग से अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने अपहरण के करीब 36 घंटे बाद राजस्थान से डॉक्टर काे बरामद कर लिया था। पूछताछ में पता चला था कि अपहरण की योजना धौलपुर के बदमाश बदन सिंह ने बनाई थी। योजना के तहत बदन सिंह की साथी युवती संध्या उर्फ मंगला ने अंजलि बनकर डॉक्टर से बात की और नौकरी मांगने के बहाने उनसे मिली। इसके बाद डॉक्टर को अगवा कर अपने साथ ले गई थी। डॉक्टर के अपहरण की घटना से हफकम्प मच गया था। फिरौती की मांग हुई तो पुलिस सतर्क हो गई थी। इस तरह पुलिस ने बदमाशों से डॉक्टर को महज 36 घंटे बाद ही मुक्त करा लिया था। इसके बाद से ही पुलिस बदन सिंह की तलाश में जुटी हुई थी। पुलिस पड़ताल यह बात भी सामने आई कि बदन सिंह दस्यु केशव गुर्जर के लिए काम करता था। बदन सिंह की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें लगी हुई थी और इस पर एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।