बजट बनाएं यह कहना है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) प्रमोद चौहान का। उन्होंने पत्रिका से विचार साझा करते हुए कहा कि आजकल ऑनलाइन का जमाना है। तमाम तरह कs एप्लीकेशंस (ऐप) चल रहे हैं। अगर कोई यह सोचता है कि ऐप के माध्यम से अपने खर्चों का प्रबंधन कर लेगा, तो गलत है। जरूरत इस बात की है कि आप मासिक और वार्षिक बजट बनाएं। बजट में सबसे पहले जरूरी खर्चे शामिल किए जाते हैं। आय के हिसाब से कुछ धन बचता है तो कम गैर जरूरी खर्चों के लिए धनावंटन होता है। और धन बचता है तो फिर आप विलासिता पर खर्च कर सकते हैं, जैसे होटल में खाना, विदेश घूमना, कार बदलना, महंगी कार लेना आदि।
कर्ज लें तो चुकाने की प्लानिंग के साथ सीए चौहान ने बताया कि हमें पता रहता है कि कौन सा खर्चा जरूरी है और कौन सा गैर जरूरी। लेकिन हम मित्रों से मिलने वाली वाहवाही के चक्कर में या झूठी शान दिखाने के चक्कर में विलासितापूर्ण जीवन जीने लगते हैं। जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज लेने लगते हैं, लेकिन इसे चुकाने की कोई प्लानिंग नहीं करते हैं। परिणाम यह है कि कर्ज के बोझ से दब जाते हैं। फिर या तो अवसाद में आकर आत्महत्या कर लेते हैं या फिर विजय माल्या की तरह फरार हो जाते हैं। इस सबसे बचने के लिए जरूरी यही है कि बजटिंग पर ध्यान दें और गैरजरूरी खर्चों पर बचत हो, तभी खर्च करें। उन्होंने कहा कि होटल में खाना नहीं खाएंगे तो क्या हमारा पेट नहीं भरेगा?
आयकर अधिवक्ता अनिल वर्मा का अनुभव उधर, आयकर अधिवक्ता अनिल वर्मा ने अपना अनुभव सुनाया। 1984 में मेरी बेटी हुई। मैंने उसके नाम पर पांच हजार रुपये का इनवेस्टमेंट किया। 20 साल बाद मुझे सवा लाख रुपये मिले। पांच हजार रुपये के सवा लाख रुपये मिलना छोटी बात नहीं है। बचत के लिए हमें क्या करना चाहिए, अगर बच्चा छोटा है तो उसके नाम पर 18-20 साल के लिए निवेश करना चाहिए। कोई कुछ भी कहे, आजकल बेटी की शादी में खूब खर्चा करना पड़ता है। शादी के लिए भी निवेश पैदा होते ही कर देना चाहिए। इसी तरह से पढ़ाई के लिए निवेश करना चाहिए। तमाम बीमा कंपनियां इस तरह के ऑफर दे रही हैं। अब तो भारत सरकार भी बेटियों के लिए चिन्ता कर रही है।
स्वास्थ्य बीमा जरूर कराएं श्री वर्मा ने कहा कि सबसे जरूरी बात ये है कि पूरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा जरूरी है। न जाने कौन सी बीमारी कब हो जाए, बीमा है तो इलाज करा पाएंगे। बुढ़ापे के लिए भी पेंशन योजना में निवेश करें। बच्चे बड़े हो गए हैं तो 3-4 साल की स्कीम में निवेश करें। वैसे बचत या निवेश का फार्मूला नहीं है कोई, यह अलग-अलग व्यक्तियों की आय के हिसाब से अलग-अलग ढंग से लागू होता है। बचत के लिए जरूरी है कि खर्चों को नियंत्रित करें। यह स्वयं पर नियंत्रण से ही संभव है।