बताया जा रहा है कि श्वान अस्पताल परिसर के अंदर से ही पंजे को मुंह में दबाकर लाया था। लोगों ने उसे देखा और भगाने की कोशिश की तो वह आक्रोशित हो गया और मानव अंग को लेकर सड़क पार जा बैठा। लेकिन कुछ ही देर में वह वहां से भी मानव अंग को लेकर भाग गया। लोगों की सूचना जब अस्पताल प्रशासन व पुलिस पहुंची तो वहां पर ना ही पंजा मिला और ना ही श्वान मिला है।
अधीक्षक बोले, ऐसा कोई ऑपरेशन नहीं हुआ, जिसमें अंग हटाना पड़ा हो
इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी का कहना है कि वीडियो सामने आया था, जिसमें ऐसा प्रतीत हो रहा है लेकिन मौके पर श्वान या इंसानी अंग का हिस्सा नहीं मिला। हमने अस्पताल में पता भी करवा लिया है। जिस वक्त की घटना बताई जा रही है, उसके के चार से छह घंटे में कोई ऑपरेशन नहीं हुआ, जिसमें किसी मरीज का अंग हटाया गया हों। रात 11.30 बजे के बाद दो सर्जरी हुई थी। जिसमें अंग हटाए गए थे। वो नियम के अनुसार डिस्पोजल करवा दिए गए थे। सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए है। आसपास दुकान पर भी पता किया लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला।