॥ आरती देवी सिद्धिदात्री जी की ॥
जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥ तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥ तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है॥ रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥ तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥ सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥ मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥ ये भी पढ़ेंः Maa Katyayani Ki Aarti: मां कात्यायनी की आरती से मिलता है अनोखा वरदान, बदल जाता है जीवन