scriptसमस्त सिद्धियों को देती है देवी के इस रूप की आराधना | how to worship goddess Devi Matangi | Patrika News
पूजा

समस्त सिद्धियों को देती है देवी के इस रूप की आराधना

देवी मातंगी जयंती के मौके पर जो भी कोई माता की पूजा करता है, वह सर्व-सिद्धियों का लाभ प्राप्त करता है

May 07, 2016 / 10:32 am

सुनील शर्मा

devi matangi mantra

devi matangi mantra

देवी मातंगी जयंती (इस बार 8 मई 2016 को है) के मौके पर जो भी कोई माता की पूजा करता है, वह सर्व-सिद्धियों का लाभ प्राप्त करता है। मातंगी की पूजा व्यक्ति को सुखी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करती है। देवी मातंगी दस महाविद्या में नवीं महाविद्या हैं। यह वाणी और संगीत की अधिष्ठात्री देवी कही जाती हैं।

यह स्तंभन की देवी हैं तथा इनमें ब्रह्मांड की शक्ति का समावेश है। देवी मातंगी दांपत्य जीवन को सुखी एवं समृद्ध बनाने वाली होती हैं। इनका पूजन करने से गृहस्थ के सभी सुख प्राप्त होते हैं। मां मातंगी पुरुषार्थ चतुष्ट्य की प्रदात्री हैं। भगवती मातंगी अपने भक्तों को अभयफल प्रदान करती हैं। यह अभीष्ट सिद्धि भी प्रदान करती हैं।

मां मातंगी का ऐसा है स्वरूप
महादेवी मां मातंगी स्वरूप है। इनकी साधना साधक को सभी कष्टों से मुक्त कर देती है। इनका महामंत्र क्रीं ह्रीं मातंगी ह्रीं क्रीं स्वाहा: है। इस मंत्र का जाप करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। जीवन में माता के प्रेम की कमी या माता को कोई कष्ट हो, अकाल या बाढ़ से पीडि़त हों, तो देवी मातंगी का जाप करना चाहिए।

मतंग भगवान शिव का एक नाम है। इनकी आदिशक्ति देवी मातंगी हैं। वे श्याम वर्ण और चंद्रमा को मस्तक पर धारण किए हुए हैं। यह वाग्देवी हैं, इनकी भुजाएं चार वेद हैं। मां मातंगी वैदिकों की सरस्वती हैं। पलाश और मल्लिका पुष्पों से युक्त बेलपत्रों की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर आकर्षण और स्तंभन शक्ति का विकास होता है।

देवी मातंगी को उच्छिष्टचांडालिनी या महापिशाचिनी भी कहा जाता है। मातंगी के विभिन्न प्रकार के भेद हैं। उच्छिष्टमातंगी, राजमांतगी, सुमुखी, वैश्यमातंगी, कर्णमातंगी, आदि। यह देवी दक्षिण तथा पश्चिम की देवता है। ब्रह्मयामल के अनुसार मातंग मुनि ने दीर्घकालीन तपस्या द्वारा देवी को कन्यारूप में प्राप्त किया था।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Worship / समस्त सिद्धियों को देती है देवी के इस रूप की आराधना

ट्रेंडिंग वीडियो