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Diwali 2024 Confirmed Date: आ गई दीपावली की पक्की तारीख, जानिए शास्त्र और विद्वानों का अंतिम निर्णय

Diwali 2024 Date 31 or 1: दिवाली 31 अक्टूबर को या 1 नवंबर को, इन दिनों लोगों में सबसे ज्यादा कंफ्यूजन इसी सवाल को लेकर है। दीपवाली 2024 कब है, लक्ष्मीजी की पूजा कब होगी, इस सवाल पर शास्त्रों और विद्वानों का आ गया निर्णय, जानें कब है दीपावली 2024 …

जयपुरOct 16, 2024 / 09:53 pm

Pravin Pandey

Diwali 2024 Confirmed Date

Diwali 2024 Confirmed Date: दिवाली 2024 कब है

Diwali 2024 Confirmed Date: हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है। इसी दिन दीपावली उत्सव के साथ महालक्ष्मी पूजन का अनुष्ठान होता है, घर दीयों से सजाए जाते हैं, घरों में पकवान बनते हैं, रंगोली बनाई जाती है, पटाखे छोड़े जाते हैं।
लेकिन अमावस्या तिथि के निर्धारण को लेकर अलग-अलग मान्यताओं के कारण दिवाली 2024 की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है। इस पर अलग-अलग विद्वानों की राय भी अलग है। आइये जानते हैं शास्त्रों के नजरिये से दिवाली की सही डेट और किस दिन दीपावली मनाएं …

कब है दिवाली 2024 (2024 mein diwali kab hai 31 October or 1 November)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन ही दिवाली मनाई जाती है और इसी दिन महालक्ष्मी पूजन किया जाता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर गुरुवार 2024 को दोपहर 3.52 बजे शुरू हो रही है और अमावस्या तिथि 1 नवंबर शुक्रवार 2024 को शाम 06.16 बजे संपन्न हो रही है।
यानी एक दोपहर से शुरू होकर अगले दिन शाम तक अमावस्या का होना ही तिथि निर्धारण में मतांतर का भी विषय हो गई है। सामान्यतः उदयातिथि के नियम को मानने पर दीपावली 2024 और महालक्ष्मी पूजन 1 नवंबर 2024 को होगा। लेकिन आइये जानते हैं पहले ज्योतिषियों की राय …

31 अक्टूबर को दिवाली मनाने पर यह राय

भोपाल के ज्योतिषी पं अरविंद तिवारी का मानना है कि दिवाली 31 अक्टूबर 2024 को मनाना चाहिए और इसी दिन लक्ष्मी पूजन करना चाहिए। वहीं एक अन्य ज्योतिषी, काशी के कई पंचांग और ज्योतिष शास्त्र की मानें तो दीपावली 31 अक्टूबर को मनाना चाहिए, हालांकि उदयातिथि के हिसाब से कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाएंगे।

1 नवंबर को इसलिए मनाएं दिवाली (diwali kab hai 31 October or 1 November)

उत्तराखंड के श्रीताराप्रसाद दिव्य पंचांगम् के प्रधान संपादक ज्योतिषाचार्य डॉ. रमेश चंद्र जोशी का कहना है कि दीपावली 2024 और महालक्ष्मी पूजन 2024 शुक्रवार 1 नवंबर 2024 को मनाना चाहिए। इसके पीछे वो कुछ कारण भी बताते हैं, उनके अनुसार धार्मिक ग्रंथ धर्म सिंधु में इस तरह के मतांतरों पर पुरुषार्थ चिंतामणि में गाइड लाइन बनाई गई है।
इसके अनुसार अमावस्या के निर्धारण के लिए पहले दिन प्रदोष की व्याप्ति हो और दूसरे दिन तीन प्रहर से अधिक समय तक अमावस्या हो(चाहे दूसरे दिन प्रदोष व्याप्त न हो) तो पूर्व दिन की अमावस्या (प्रदोष व्यापिनी और निशिथ व्यापिनी अमावस्या) की अपेक्षा से प्रतिपदा की वृद्धि हो तो लक्ष्मी पूजन आदि भी दूसरे दिन करना चाहिए।

इस निर्णय के अनुसार चूंकि अधिकतर पंचांग में 1 नवंबर को अमावस्या 03 प्रहर से अधिक समय तक है और अन्य दृश्य पंचांगों में भी इस तिथि की प्रदोष में व्याप्ति है। इसलिए इसी दिन लक्ष्मी पूजन और दीपावली शास्त्र सम्मत है।

इसे और स्पष्ट करते हुए धर्म सिन्धु में कहा गया है कि दूसरे दिन अमावस्या भले ही प्रदोष में न हो लेकिन अमावस्या साढ़े तीन प्रहर से अधिक हो तो दूसरे दिन ही लक्ष्मी पूजन सही है अर्थात् गौण प्रदोष काल में भी दूसरे दिन अमावस्या हो तो दीपावली दूसरे दिन ही शास्त्र सम्मत है ।
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लक्ष्मी पूजा और दीपावलीः शुक्रवार, 1 नवंबर 2024 को
लक्ष्मी पूजा मुहूर्तः शाम 05:36 बजे से 06:16 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 41 मिनट

प्रदोष कालः शाम 05:36 बजे से शाम 08:11 बजे तक
वृषभ कालः शाम 06:20 बजे से शाम 08:15 बजे तक
(लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना है)

निशिता कालः रात 11:39 बजे से रात 12:31बजे (2 नवंबर सुबह)
सिंह लग्नः 2 नवंबर को सुबह 12:50 (रात) से सुबह 03:07 बजे तक
(अमावस्या तिथि निशिता मुहूर्त के साथ व्याप्त नहीं है, इसलिए निशिता काल में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त नहीं है।)

चौघड़िया पूजा मुहूर्त

दिवाली लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त

प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): सुबह 06:33 बजे से सुबह 10:42 बजे तक
अपराह्न मुहूर्त (चर): शाम 04:13 बजे से शाम 05:36 बजे तक
अपराह्न मुहूर्त (शुभ): दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 01:27 बजे तक
नोटः हालांकि दिवाली और लक्ष्मी पूजन के मतांतर को देखते हुए पाठक स्थानीय मान्यताओं और परंपराओं, विद्वानों की राय के मद्देनजर लक्ष्मीपूजन कर सकते हैं और दीपावली मना सकते हैं।

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