और कौनसी कंपनियाँ हैं लिस्ट में शामिल?
ट्विटर के अलावा इस लिस्ट में अमेज़न, मेटा (फेसबुक और वॉट्सऐप की पेरेंट कंपनी), स्नैप और माइक्रोसॉफ्ट भी शामिल हैं। एक के बाद एक इन सभी कंपनियों ने हज़ारों की संख्या में अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन कंपनियों के इस फैसले की दुनियाभर में आलोचना भी हो रही है, पर इसका उनपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
किस कंपनी ने की कितने कर्मचारियों की छुट्टी?
एलन मस्क के नया मालिक बनते ही ट्विटर अब तक अपने करीब 3,700 कर्मचारियों की छुट्टी कर चुका है। माइक्रोसॉफ्ट ने अब तक अपने करीब 1,000 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है। स्नैप ने अपने 20% कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मेटा ने करीब 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। अमेज़न जल्द ही करीब 10,000 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी में है। इतना ही नहीं, इंटेल (Intel) भी जल्द ही अपनी कंपनी के 20% कर्मचारियों की नौकरी छीनने वाला है। भारतीय टेक कंपनी बायजूस (Byju’s) ने भी कुछ समय पहले ही 2,500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके अलावा बुकिंग.कॉम (Booking.Com), लिफ्ट (Lyft), आईरोबोट (iRobot), पेलोटोन (Peloton), सेल्सफोर्स (Salesforce) और स्ट्राइप (Stripe) जैसी कंपनियां भी जल्द ही अपने कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने वाली है।
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हायरिंग प्रोसेस भी हुई धीमी
इन बड़ी टेक कंपनियों ने सिर्फ अपने कर्मचारियों को ही नहीं निकाला, बल्कि नए कर्मचारियों की हायरिंग (नियुक्ति। प्रोसेस भी धीमी कर दी है।
क्या है कारण?
कंपनियों के इस तरह भारी तादाद में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का कारण वैश्विक आर्थिक मंदी को बताया जा रहा है। कोरोना काल में इन कंपनियों की ग्रोथ अपेक्षाकृत धीमी हुई है। ऐसे में कंपनियाँ इन जॉब कट्स के ज़रिए अपने खर्चों को कम करते हुए प्रॉफिट्स को बढ़ाना चाहती हैं।