scriptपश्चिम एशियाः सीरिया के पांच प्रमुख शहरों पर हुआ विद्रोहियों का कब्जा, अब दमिश्क की ओर बढ़ रहे इस्लामी विद्रोही, मुश्किल में असद सरकार | West Asia: Rebels capture five major cities in Syria | Patrika News
विदेश

पश्चिम एशियाः सीरिया के पांच प्रमुख शहरों पर हुआ विद्रोहियों का कब्जा, अब दमिश्क की ओर बढ़ रहे इस्लामी विद्रोही, मुश्किल में असद सरकार

उत्तर के तीन अहम शहरों पर कब्जा करने के बाद अब सीरिया में विद्रोहियों ने दक्षिण की ओर से भी मोर्चा खोलते हुए डेरा क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है।

नई दिल्लीDec 07, 2024 / 06:52 pm

Ashib Khan

दमिश्क. उत्तर के तीन अहम शहरों पर कब्जा करने के बाद अब सीरिया में विद्रोहियों ने दक्षिण की ओर से भी मोर्चा खोलते हुए डेरा क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है। ब्रिटेन स्थित एक युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर) की रिपोर्ट के अनुसार, यहां स्थानीय विद्रोही गुट सरकारी बलों के साथ हिंसक लड़ाई के बाद 90 फीसदी सैन्य स्थलों पर नियंत्रण हासिल करने में सफल हो गए। राजधानी दमिश्क से करीब 100 किमी दूर डेरा का हाथ से निकल जाना सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता के लिए गंभीर संकट के रूप में देखा जा रहा है। स्थानीय विद्रोहियों ने दक्षिण में ऐसे समय में असद शासन के सामने चुनौती खड़ी की है जबकि उत्तरी सीरिया में इस्लामी नेतृत्व वाले विद्रोहियों ने दावा किया है कि वे अलेप्पो, इदलिब, हमा पर नियंत्रण हासिल करने के बाद होम्स शहर के बाहरी इलाके तक पहुंच गए हैं। इस्लामी विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता अबू मोहम्मद अल-जवलानी ने कहा है कि विद्रोही दक्षिण की ओर बढ़ रहे हैं और दमिश्क जाने वाले मार्ग पर होम्स उनका अगला पड़ाव होगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विद्रोहियों के हमले के परिणामस्वरूप अब तक कम से कम 370,000 लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लड़ाई देश के उत्तरी भाग में नागरिकों के लिए पहले से ही भयावह स्थिति को और खराब कर रही है। एसओएचआर का कहना है कि पिछले सप्ताह इस्लामी नेतृत्व वाले विद्रोहियों के हमले शुरू होने के बाद से देश भर में 111 नागरिकों सहित 820 से अधिक लोग मारे गए हैं।

डेरा शहर का है रणनीतिक- प्रतीकात्मक महत्व

डेरा शहर का रणनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों ही तरह से महत्व है। यह एक प्रांतीय राजधानी है और जॉर्डन की सीमा पर मुख्य क्रॉसिंग के करीब है, साथ ही यह वह जगह भी है जहां 2011 में असद परिवार के खिलाफ लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे, जिसके बाद देश में छिड़े गृहयुद्ध में अब तक पांच लाख से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जॉर्डन के गृह मंत्री ने कहा कि सीरिया के दक्षिण में सुरक्षा स्थितियों के परिणामस्वरूप जॉर्डन ने अपनी सीमा को बंद कर दिया है। अमरीका और ब्रिटेन के साथ-साथ जॉर्डन ने भी अपने नागरिकों से यथाशीघ्र सीरिया छोड़ने का आग्रह किया है।

कुर्द विद्रोहियों ने देइर एज्जोर पर किया कब्जा

दूसरी ओर, कुर्द नेतृत्व वाली सेनाओं ने कहा है कि उन्होंने सीरिया के मध्य पूर्व स्थित देइर एज्जोर शहर पर कब्जा कर लिया है, जो देश के पूर्वी भाग में विशाल रेगिस्तान में असद सरकार का मुख्य गढ़ है।

क्रेमलिन और ईरान की कमजोरी से मुश्किल में असद

असद ने विद्रोहियों को ‘कुचलने’ की कसम खाते हुए पश्चिमी शक्तियों पर इलाके में अस्थिरता का प्रयास करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, असद शासन के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी रूस और ईरान ने असद को निरंतर समर्थन देने की घोषणा की है। लेकिन उन्होंने अब तक अपेक्षित सैन्य सहायता प्रदान नहीं की है। क्रेमलिन फिलहाल यूक्रेन से युद्ध में उलझा हुआ है और लेबनान में मजबूत सहयोगी हिजबुल्लाह के कमजोर होने के बाद ईरान भी अब असद शासन की जरूरी मदद नहीं कर पा रहा है। बल्कि अब मास्को भी रूसी नागरिकों से देश छोड़ने का आग्रह कर रहा है।

भाग रहे असद समर्थक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जल्द ही होम्स पर भी इस्लामी विद्रोही समूहों का कब्जा हो सकता है। यहां, राष्ट्रपति असद के अलावी अल्पसंख्यक समुदाय के भयभीत सदस्य होम्स छोड़ने की जल्दी में हैं। वीडियो फुटेज में सड़कें कारों से जाम दिखाई दे रही हैं। अलावी शिया मुसलमानों का एक अल्पसंख्यक समुदाय है, जिससे असद परिवार का उद्भव हुआ है। यही समुदाय लंबे समय से असद परिवार के शासन के लिए सत्ता और समर्थन का आधार रहे हैं। होम्स शहर राजधानी दमिश्क को भूमध्यसागरीय तट पर स्थित अलावाइट गढ़ से जोड़ता है।

असद का हटाने का लक्ष्य ही हमें करता है एकजुटः विद्रोही नेता


इस्लामी विद्रोही समूह एचटीएस कमांडर अल-जवलानी ने एक मीडिया इंटरव्यू में स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनका एकमात्र लक्ष्य सीरिया की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन को समाप्त करना और सीरिया में एक ऐसी सरकार बनाना है जो संस्थाओं पर आधारित हो। जिनका संचालन लोगों के चुने गए एक काउंसिल के माध्यम से किया जाए। जवलानी का दावा है कि सीरिया की विपक्षी ताकतों को असद शासन को उखाड़ फेंकने के लक्ष्य ने ही एकजुट किया है। जवलानी के अनुसार, असद शासन की हार के बीज हमेशा से ही इसके अंदर रहे हैं। ईरान और रूसी हुकुमत की मदद से असद शासन को बनाए रखने की कोशिश की गई। लेकिन सच्चाई यह है कि यह शासन मरा चुका है। इसीलिए यहां कोई प्रतिरोध देखने को नहीं मिल रहा है।

भारतीय छोड़ दें सीरियाः एडवाइजरी


सीरिया में बिगड़ते हालात के मद्देनजर, भारत सरकार ने शुक्रवार रात को जारी एक एडवाइजरी में सभी भारतवंशियों से जल्द से जल्द उपलब्ध फ्लाइट लेकर देश को छोड़ने को कहा है। जो लोग नहीं जा सकते, उन्हें कहा गया है कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें, अपनी आवाजाही को न्यूनतम रखें तथा दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में बने रहें। आधिकारिक जानकारी के अनुसार सीरिया में 94 भारतवंशी हैं।

Hindi News / world / पश्चिम एशियाः सीरिया के पांच प्रमुख शहरों पर हुआ विद्रोहियों का कब्जा, अब दमिश्क की ओर बढ़ रहे इस्लामी विद्रोही, मुश्किल में असद सरकार

ट्रेंडिंग वीडियो