डेरा शहर का है रणनीतिक- प्रतीकात्मक महत्व
डेरा शहर का रणनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों ही तरह से महत्व है। यह एक प्रांतीय राजधानी है और जॉर्डन की सीमा पर मुख्य क्रॉसिंग के करीब है, साथ ही यह वह जगह भी है जहां 2011 में असद परिवार के खिलाफ लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे, जिसके बाद देश में छिड़े गृहयुद्ध में अब तक पांच लाख से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जॉर्डन के गृह मंत्री ने कहा कि सीरिया के दक्षिण में सुरक्षा स्थितियों के परिणामस्वरूप जॉर्डन ने अपनी सीमा को बंद कर दिया है। अमरीका और ब्रिटेन के साथ-साथ जॉर्डन ने भी अपने नागरिकों से यथाशीघ्र सीरिया छोड़ने का आग्रह किया है।कुर्द विद्रोहियों ने देइर एज्जोर पर किया कब्जा
दूसरी ओर, कुर्द नेतृत्व वाली सेनाओं ने कहा है कि उन्होंने सीरिया के मध्य पूर्व स्थित देइर एज्जोर शहर पर कब्जा कर लिया है, जो देश के पूर्वी भाग में विशाल रेगिस्तान में असद सरकार का मुख्य गढ़ है।क्रेमलिन और ईरान की कमजोरी से मुश्किल में असद
असद ने विद्रोहियों को ‘कुचलने’ की कसम खाते हुए पश्चिमी शक्तियों पर इलाके में अस्थिरता का प्रयास करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, असद शासन के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी रूस और ईरान ने असद को निरंतर समर्थन देने की घोषणा की है। लेकिन उन्होंने अब तक अपेक्षित सैन्य सहायता प्रदान नहीं की है। क्रेमलिन फिलहाल यूक्रेन से युद्ध में उलझा हुआ है और लेबनान में मजबूत सहयोगी हिजबुल्लाह के कमजोर होने के बाद ईरान भी अब असद शासन की जरूरी मदद नहीं कर पा रहा है। बल्कि अब मास्को भी रूसी नागरिकों से देश छोड़ने का आग्रह कर रहा है।भाग रहे असद समर्थक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जल्द ही होम्स पर भी इस्लामी विद्रोही समूहों का कब्जा हो सकता है। यहां, राष्ट्रपति असद के अलावी अल्पसंख्यक समुदाय के भयभीत सदस्य होम्स छोड़ने की जल्दी में हैं। वीडियो फुटेज में सड़कें कारों से जाम दिखाई दे रही हैं। अलावी शिया मुसलमानों का एक अल्पसंख्यक समुदाय है, जिससे असद परिवार का उद्भव हुआ है। यही समुदाय लंबे समय से असद परिवार के शासन के लिए सत्ता और समर्थन का आधार रहे हैं। होम्स शहर राजधानी दमिश्क को भूमध्यसागरीय तट पर स्थित अलावाइट गढ़ से जोड़ता है।असद का हटाने का लक्ष्य ही हमें करता है एकजुटः विद्रोही नेता
इस्लामी विद्रोही समूह एचटीएस कमांडर अल-जवलानी ने एक मीडिया इंटरव्यू में स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनका एकमात्र लक्ष्य सीरिया की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन को समाप्त करना और सीरिया में एक ऐसी सरकार बनाना है जो संस्थाओं पर आधारित हो। जिनका संचालन लोगों के चुने गए एक काउंसिल के माध्यम से किया जाए। जवलानी का दावा है कि सीरिया की विपक्षी ताकतों को असद शासन को उखाड़ फेंकने के लक्ष्य ने ही एकजुट किया है। जवलानी के अनुसार, असद शासन की हार के बीज हमेशा से ही इसके अंदर रहे हैं। ईरान और रूसी हुकुमत की मदद से असद शासन को बनाए रखने की कोशिश की गई। लेकिन सच्चाई यह है कि यह शासन मरा चुका है। इसीलिए यहां कोई प्रतिरोध देखने को नहीं मिल रहा है।
भारतीय छोड़ दें सीरियाः एडवाइजरी
सीरिया में बिगड़ते हालात के मद्देनजर, भारत सरकार ने शुक्रवार रात को जारी एक एडवाइजरी में सभी भारतवंशियों से जल्द से जल्द उपलब्ध फ्लाइट लेकर देश को छोड़ने को कहा है। जो लोग नहीं जा सकते, उन्हें कहा गया है कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें, अपनी आवाजाही को न्यूनतम रखें तथा दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में बने रहें। आधिकारिक जानकारी के अनुसार सीरिया में 94 भारतवंशी हैं।