उम्मीदवारों के दावों की पड़ताल
इस बहस (US Presidential Debate ) के दौरान कई बार तल्ख़बयानी हुई, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट उम्मीदवारों ने अर्थव्यवस्था, इमिग्रेशन और गर्भपात जैसे विषयों पर अपने-अपने दावे किए। इस डिबेट में पेश किए गए सवालों और जवाबों के तथ्यों पर दोनों उम्मीदवारों के दावों की पड़ताल की गई।
सवाल : क्या प्रवासी ओहायो में पालतू जानवरों को मार कर खा गए?
दावा: डोनाल्ड ट्रंप: “स्प्रिंगफ़ील्ड में वो लोग…बाहर से आए लोग कुत्तों और बिल्लियों को खा रहे हैं. वो वहां के निवासियों के पालतू जानवरों को खा रहे हैं।” फैक्टचेक: इस बात का कोई सुबूत नहीं है।
डोनाल्ड ट्रंप का आधारहीन दावा उनके उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस ने भी किया था। इस दावे के अनुसार हैती से आए प्रवासियों ने ओहायो के स्प्रिंगफ़ील्ड में पेट्स ( पालतू जानवरों) को अपना भोजन बना लिया है।
स्प्रिंगफ़ील्ड शहर के अधिकारियों के अनुसार- “प्रवासी आबादी के किसी व्यक्ति द्वारा पेट्स को हानि पहुँचाने, घायल करने या मारने का कोई भी विशिष्ट दावा या भरोसेमंद रिपोर्ट नहीं आई है।”
क्या ट्रंप के कार्यकाल में बेरोज़गारी 1930 के बाद सबसे अधिक थी?
दावा: कमला हैरिस: “ग्रेट डिप्रेशन के बाद से डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में सबसे अधिक बेरोज़गारी थी।”
फैक्टचेक: यह गलत है। जनवरी 2021 में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल की समाप्ति के समय अमेरिका में बेरोज़गारी दर 6.4% थी, लेकिन 1930 की महामंदी के दौर के बाद ये दर इससे भी अधिक रह चुकी है। अक्तूबर 2009 में आर्थिक मंदी के दौरान बेरोज़गारी दर 10% तक पहुँच गई थी। तब से बेरोज़गारी दर में लगातार गिरावट आई है। सिर्फ़ कोविड महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी दर्ज हुई थी. अगस्त 2024 में आए ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़ अमेरिका में बेरोज़गारी दर 4.2% है।
सवाल : क्या जेलों और पागलख़ानों से लाखों लोग अमेरिका में घुस रहे हैं?
दावा: डोनाल्ड ट्रंप : “हमारे देश में लाखों लोग जेलोंं, मानसिक संस्थानों और पागलख़ानों से आ रहे हैं।” फैक्टचेक: इन आंकड़ों के लिए कोई सुबूत मौजूद नहीं है। जनवरी 2021 के बाद से अमेरिका की सरहद पर क़रीब एक करोड़ प्रवासियों का सामना सीमा सुरक्षा एजेंसियों से हुआ है। इन लोगों के बारे में सार्वजनिक रूप से ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है जो बताती हो कि इनमें से कुछ ने जेल में समय बिताया हो या किसी पागलख़ाने में रहे हों, लेकिन इनके किसी आपराधिक मामलों में संलिप्त होने के कुछ आंकड़े उपलब्ध हैं। इस वर्ष सितंबर 2024 तक 14 लाख लोगों को अवैध तरीके़ से बॉर्डर क्रॉस करने के लिए पकड़ा गया है और इन मामलों में क़रीब 14,700 लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड पाए गए हैं। ये इस दौरान पकड़े गए लोगों का केवल एक प्रतिशत है और डोनाल्ड ट्रंप के दावे के मुताबिक़ ‘लाखों’ की संख्या तो बिल्कुल नहीं है।
सवाल : क्या डोनाल्ड ट्रंप देश भर में गर्भपात पर प्रतिबंध लगाएंगे ?
दावा: कमला हैरिस ने कहा, “अगर डोनाल्ड ट्रंप दुबारा चने जाते हैं तो वो देशभर में गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने के क़ानून पर हस्ताक्षर करेंगे।” फैक्टचेक: यह भ्रामक है. ट्रंप इस बात को ख़ारिज कर चुके हैं कि अगर वो राष्ट्रपति चुने गए तो देशभर में प्रतिबंध लगाएंगे। वो कह चुके हैं कि ये फ़ैसला वो अलग-अलग राज्यों पर छोड़ देंगे कि वो गर्भपात की सीमा के बारे में ख़ुद तय करें। यहां पर कमला हैरिस ने ‘उनके प्रोजेक्ट 2025’ के बारे में भी बात की, यह दक्षिणपंथी हैरिटेज फ़ाउंडेशन का एक प्रकाशित दस्तावेज़ है जो उन प्रस्तावित नीतियों पर प्रकाश डालता है जिन पर उनका मानना है कि इन्हें ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में लागू होना चाहिए। ये राष्ट्रीय प्रतिबंध की वकालत नहीं करता है हालांकि ये गर्भपात की सीमा तय करने की सलाह देता है। डोनाल्ड ट्रंप ने इस दस्तावेज़ से दूरी बनाते हुए कहा है कि “मुझे प्रोजेक्ट 2025 के बारे में कुछ भी पता नहीं है,मुझे इसका कोई आइडिया नहीं है कि इसके पीछे कौन है।” डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में रहे कई पूर्व अधिकारी ‘प्रोजेक्ट 2025’ से जुड़े हुए हैंं।
सवाल :क्या बाइडन कार्यकाल में अमेरिका में इतिहास की सबसे अधिक महंगाई है?
दावा: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अब तक की सबसे अधिक महंगाई हमारे सामने है ( जो बाइडन के कार्यकाल में). फैक्टचेक: यह ग़लत है। राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में जून 2022 में महंगाई 9.1 फ़ीसदी के साथ शीर्ष पर थी, उस समय कई देशों में दाम तेज़ी से बढ़ रहे थे। साल 1981 में आख़िरी बार महंगाई दर 9 फ़ीसदी थी लेकिन अमेरिकी इतिहास में यह कई दूसरे बिंदुओं की तुलना में यह काफ़ी अधिक रहा है। 022 के मध्य में इसके शीर्ष पर पहुंचने के बाद इसमें मई 2024 तक 3.3 फ़ीसदी की गिरावट भी देखी गई. लेकिन दाम अभी भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं और कई मतदाताओं के लिए ये मुख्य मुद्दा है।
सवाल :क्या डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ़ से परिवारों पर 4,000 डॉलर का भार बढ़ेगा?
दावा: कमला हैरिस ने कहा, “अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ट्रंप के सेल्स टैक्स की वजह से वास्तव में मिडिल क्लास परिवारों पर हर साल 4,000 डॉलर से अधिक का भार पड़ेगा।” फैक्टचेक: कमला हैरिस ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप का आयात पर प्रस्तावित टैक्स एक सेल्स टैक्स है। कुछ अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि परिवारों पर इस टैरिफ़ का असर इतना हो सकता है। वहीं कुछ और का अनुमान है कि इससे कम भार भी पड़ सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप ज़ोर देते हुए कहते हैं कि इसका ख़र्च बाहरी देशों को उठाना होगा, लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ये अमेरिकी आयातकों और उपभोक्ताओं पर इसका आर्थिक असर होगा।
वहीं 4,000 डॉलर का आंकड़ा एक विश्लेषण के बाद आया है जिसे लेफ़्ट ऑफ़ सेंटर थिंक टैंक सेंटर फ़ॉर अमेरिका प्रोग्रेस ने किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया है कि वो चीन से आयात होने वाले सभी सामान पर लगने वाले 10-20 फ़ीसदी टैरिफ़ को 60 प्रतिशत तक करेंंगे।
विश्लेषण करने वाली संस्था ने अमेरिका के सालाना आयात किए गए सामान की रक़म को सामने रखते हुए इसका आकलन किया है। उन्होंने देखा कि इन सामान पर कितने नए टैक्स लगेंगे और इन्हें अमेरिका के घरों के कुल घरों में बांटा। इससे हर घर पर 4,600 डॉलर का भार पड़ेगा, लेकिन जब आप ‘मिडिल इनकम’ परिवारों के आंकड़े को देखेंगे तो हर साल यह 3,900 डॉलर प्रति वर्ष होता है। हालांकि दूसरे अनुमान कम हैं। पीटरसन इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि 10 फ़ीसदी टैक्स बढ़ने पर 1,700 डॉलर या 20 फ़ीसदी टैक्स बढ़ने पर 2,500 डॉलर का असर होगा।
सवाल :अमेरिका में अपराधी भेजने की वजह से क्या वेनेज़ुएला में अपराध कम हो रहा है?
दावा: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “वेनेज़ुएला में अपराध हो रहा है, क्योंकि उन्होंने अपने अपराधियों को सड़कों से उठाकर उन्हें (हैरिस) दे दिया है ताकि वो हमारे देश में उन्हें डाल देंं।” फैक्टचेक: इसके कोई सुबूत नहीं हैं कि वेनेज़ुएला ऐसा कर रहा है। अपराध का स्तर कम हो रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा देश की अर्थव्यवस्था की वजह से है। वेनेज़ुएला की सरकार अपराध के भरोसेमंद आंकड़े कभी जारी नहीं करती है, लेकिन स्वतंत्र संस्था वेनेज़ुएलन ऑब्ज़र्वेटरी ऑफ़ वॉयलेंस ऐसा करती है।
ऑब्ज़र्वेटरी की 2023 की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 की तुलना में इस साल हत्या के मामले एक चौथाई कम हुए थे। ऑब्ज़र्वेटरी के अनुसार, “अपराध कम हुए हैं क्योंकि अपराध के मौक़ों में कमी आई है। बैंक डकैतियां ग़ायब हो गई हैं, क्योंकि चुराने के लिए पैसा ही नहीं है, अपहरण कम हुए हैं क्योंकि फ़िरौती देने के लिए पैसा नहीं है।” संस्था का कहना है कि उसे ऐसे कोई सुबूत नहीं मिले हैं जो बताएं कि वेनेज़ुएला की सरकार अपराधियों को अमेरिका भेज रही है।