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UK Election 2024: एग्जिट पोल में इतनी कम सीटें मिलने पर हार रहे ऋषि सुनक,अब क्या होगा ?

UK Election 2024: यूके के आम चुनाव के एग्जिट पोल में ऋषि सुनक की हार बताई जा रही है। भारतवंशी मतदाताओं के लिए यह बहुत दुखद खबर है।

नई दिल्लीJun 28, 2024 / 07:23 pm

M I Zahir

UK General Elections 2024

UK General Elections 2024

UK Election 2024: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के चुनाव के एग्जिट पोल में भारतवंशी ऋषि सुनक की हार होती हुई बताई जा रही है। चुनावी पंडितों और राजनीतिक विश्लेषकों का भी यही निष्कर्ष है। इस एग्जिट पोल से भारतवंशी मतदाताओं और भारतीय नागरिकों में मायूसी की लहर छा गई है।

650 में से केवल 72 सीटें मिलने का अनुमान

एग्जिट पोल : ब्रिटेन में होने वाले आम चुनाव से पहले एक आए सर्वे में ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की करारी हार की बातें कही जा रही हैं। यह उनकी एतिहासिक हार हो सकती है। ताजा सर्वे में उनकी रेटिंग में और गिरावट की भविष्यवाणी की गई है, जिसमें पार्टी को कुल 650 में से केवल 72 सीटें मिलने का अनुमान है।

सरकार सबसे खराब काम कर रही

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए ऋषि सुनक की रेटिंग किसी भी प्रधानमंत्री की तुलना में अब तक की सबसे खराब रेटिंग है यह पहली बार है कि वोटर्स बड़ी संख्या में यह कह रहे हैं कि सरकार सबसे खराब काम कर रही है।

ऋषि सुनक की रेटिंग में आई गिरावट

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में राजनीति के प्रोफेसर और पोलिंग विशेषज्ञ, रॉब फोर्ड ने कहा कि “इस बार उनकी रेटिंग 30% से नीचे हो सकती है, जो कि कभी नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ” प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए ऋषि सुनक की की रेटिंग किसी भी प्रध
प्रधानमंत्री की तुलना में अब तक की सबसे खराब रेटिंग है. यह पहली बार है कि वोटर्स बड़ी संख्या में यह कह रहे हैं कि सरकार सबसे खराब काम कर रही है।
बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं वोटर्स

14 वर्षों के कन्जर्वेटिव शासन के बाद वोटर्स अब जोर-शोर से बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं. यूके बेस्ड एकेडमिक थिंक टैंक, UK in a Changing Europe के निदेशक, प्रोफेसर आनंद मेनन ने बताया, “आप इसे ऐसे देखिए कि, जब आप 14 साल से अधिक सत्ता में रहते हैं तो आपके लिए इलेक्शन जीतना मुश्किल होता जाता है। लोग बदलाव के बारे में सोचना शुरू करने लगते हैं। दूसरी बात ये है कि, चुनाव जीतना तब भी कठिन हो जाता है] जब आप जीवन यापन संबंधी संकट से भी जूझ रहे हो, लेकिन कलर्वेटिव पार्टी में अपने लिए समर्थन में भारी कमी देखी है।

रिवॉल्विंग डोर बन गया है पीएम पद

ब्रेक्सिट के बाद से जबसे डेविड कैमरन ने इस्तीफा दिया, तबसे प्रधान मंत्री पद एक रिवॉल्विंग डोर बन गया है. जिसमें थेरेसा मे, बोरिस जॉनसन, लिज़ ट्रस और ऋषि सुनक सभी की बारी आई है. इस तेजी से परिवर्तन का मतलब यह है कि पिछले 28 वर्षों में, जिनमें मार्गरेट थैचर, जॉन मेजर, और टोनी ब्लेयर शामिल थे, सिर्फ तीन प्रधानमंत्री थे।

क्या ऋषि सुनक हैं अशांति का कारण?

प्रश्न उठता है कि अभी जो अशांति पनपी हुई है, क्या उसका कारण ऋषि सुनक हैं? विशेषज्ञों का तर्क है कि लिज़ ट्रस, 45 दिनों के लिए पीएम बनीं , उन्होंने पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, हालांकि ऋषि सुनक ने इसे सुधारने के लिए कुछ नहीं किया है.। रॉब फोर्ड कहते हैं कि, ऋषि सुनक के साथ सही व्यवहार नहीं हो सका। सुनक हालात को बदल नहीं सके और अपने खास वादे भी पूरे नहीं कर पाए। सबसे बड़ी बात कि वह अपने राइटविंग स्पेक्ट्रम वाले वोटर्स का भरोसा भी नही जीत सके, जो कि उनके साथ बने रहते. उन्हें एक विरासत में एक बुरी स्थिति मिली थी जो कि समय के साथ और भी बुरी ही हो गई, जो बेहतर लीडरशिप का प्रतीक नहीं है।

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