आयोवा को दोनों ही पार्टियों ने नज़रअंदाज किया था
प्राइमरी चरण के दौरान आयोवा को डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियों ने नज़रअंदाज किया था, लेकिन अब वही चुनावी जंग में एक स्विंग स्टेट बनने की क्षमता रखता दिख रहा है। एक सर्वे के अनुसार, यहां से हैरिस ने ट्रंप पर बढ़त बना ली है। दरअसल डेस मोइनेस रजिस्टर अखबार के नवीनतम सर्वे में ये सामने आया है कि हैरिस महिलाओं और स्वतंत्र मतदाताओं के समर्थन से ट्रंप पर 47 प्रतिशत से 44 प्रतिशत आगे चल रही हैं।डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- ये दुश्मनों का नकली सर्वे
दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप ने सर्वे को नकली करार देते हुए खारिज कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, मेरे दुश्मनों में से एक ने अभी-अभी एक सर्वेक्षण जारी किया है और उसमें मैं 3 प्रतिशत से पीछे हूं। (आयोवा सीनेटर) जोनी अर्न्स्ट ने मुझे फोन किया और कहा कि आप आयोवा में हार रहे हैं। ये सब नकली है, क्योंकि किसान मुझे प्यार करते हैं और मैं उन्हें प्यार करता हूं।किसी भी उम्मीदवार का आयोवा पर नहीं था फोकस
गौरतबल है कि 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले आयोवा कोई बड़ा चुनावी राज्य नहीं था। दोनों उम्मीदवारों ने यहां फोकस नहीं किया था। इसे सात स्विंग स्टेट्स- एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन में भी नहीं गिना जाता है, यहां ट्रंप और हैरिस ने जबरदस्त प्रचार किया। ऐसा लगता है कि प्रचार के कारण हैरिस यहां से बाजी ले गईं।दो बार यहीं से जीते थे डोनाल्ड ट्रंप
दिलचस्प बात यह है कि पिछले दो चुनावों में ट्रंप ने यह राज्य लगभग 10 प्रतिशत से जीता था। हालांकि, यह इसे रिपब्लिकन का गढ़ नहीं माना जाता है, क्योंकि सन 2008 और 2012 में बराक ओबामा ने यहां से जीत हासिल की थी। सर्वे से पता चलता है कि महिलाएं, विशेष रूप से जो 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र की हैं और जो खुद को स्वतंत्र मानती हैं, वे हैरिस की ओर झुकाव रख रही हैं। वरिष्ठ महिलाएं रिपब्लिकन उम्मीदवार की तुलना में डेमोक्रेट का समर्थन करती हुई दिख रही हैं।महिलाएं कमला हैरिस के पक्ष में
सर्वे के अनुसार, विशेष रूप से 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाएं, जो खुद को स्वतंत्र मानती हैं, कमला हैरिस की ओर झुकाव रख रही हैं। यह डोनाल्ड ट्रंप के लिए चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि वरिष्ठ महिलाएं डेमोक्रेट उम्मीदवार को अधिक समर्थन दे रही हैं। चुनाव में अब कुछ ही घंटे बाकी हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुकाबला किस दिशा में जाएगा। ये भी पढ़ें: अमेरिकी चुनाव में रिकॉर्ड 7.5 करोड़ वोट बनेंगे निर्णायक, यहां हैं 35 इंडो-अमेरिकन दावेदार कनाडा के हिंदू मंदिर पर हमला होने पर मचा बवाल, पीएम ट्रुडो ने कही यह बड़ी बात