संसद में पेश हो गया प्रस्ताव
इस बढ़ते विवाद को लेकर संसद में इसी मुद्दे पर एक ये विवाद इतना बढ़ गया कि इसे लेकर संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया। जिसके मुताबिक संसद के सभी सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मूल जेंडर यानी जिस जेंडर में उन्होंने जन्म लिया उसी शौचालय को यूज करना होगा इसके अलावा कोई दूसरा टॉयलेट यूज ना करें। इसके अलावा इस प्रस्ताव में ये भी नियम है कि वो लोग जिन्होंने पुरुष के तौर पर जन्म लिया और बाद में अपना जेंडर चेंज करा लिया, वो भी पुरुष टॉयलेट को ही यूज करें।
सारा ने क्या कहा?
नैंसी के इस बयान और संसद के इस प्रस्ताव पर सारा मैकब्राइड ने कहा कि ये रिपब्लिकन पार्टी की एक चाल है। ऐसे मुद्दे उठाकर ये सिर्फ जनता को असली मुद्दों से भटका रहे हैं। वहीं संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। माइक जॉनसन ने कहा कि ये प्रस्ताव महिलाओं की निजता को ध्यान में रखकर लाया गया है।