हमले के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने इलाके को सील कर दिया है। इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। हमला करने वाले आतंकियों की तलाश जारी है। वहीं, खैबर पख्तूनख्वा पुलिस ने अधिकारियों की पहचान हेड कांस्टेबल मंजूर, कांस्टेबल अमानुल्लाह और कांस्टेबल अयाज के रूप में की गई है। पुलिसकर्मियों के शवों को जिला मुख्यालय अस्पताल नौशेरा भेज दिया गया है।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने इस घटना को संज्ञान में लिया है और पुलिस प्रमुख से घटना की रिपोर्ट तलब की। मुख्यमंत्री ने कहा, “घटना बहुद दुखद है और शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।” उन्होंने मृतकों के लिए प्रार्थना भी की और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
बता दें, इससे पहले भी एक ऐसी घटना बलूचिस्तान के बलेली इलाके में घटी है। बुधवार को एक पुलिस ट्रक को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया गया था। इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी और 24 लोग घायल हो गए थे। इस ट्रक के पुलिसकर्मी पोलियो कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान कर रहे थे।
इस हमले के तुरंत बाद प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली। यह विस्फोट एक दिन बाद हुआ जब आतंकवादी समूह ने सरकार के साथ अपने संघर्ष विराम को वापस ले लिया और अपने लड़ाकों को देश भर में हमले करने के लिए कहा। डॉन की खबरों के मुताबिक, टीटीपी के बयान के अनुसार उन्होंने जून में सरकार के साथ हुए समझौते को वापस ले लिया था।
आपको बता दें, टीटीपी के इस तरह के हमलों ने पाकिस्तान को मास किलेंग के खतरे वाले देशों की लिस्ट में टॉप पर ला दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार टीटीपी को अमेरिका और यूनाइटेड नेशन द्वारा विदेशी आतंकवादी संगठन के लिस्ट में शामिल किया गया है। यूएस थिंक-टैंक अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट के नए आकलन के अनुसार, पाकिस्तान लगातार तीसरी बार बड़े पैमाने पर हत्याओं का अनुभव करने वाले देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर है।