CPEC को लेकर हो रहे हैं लगातार हमले?
दूसरा हमला 15 सितंबर की सुबह हुआ, जब BLF ने अवारन-मश्के लिंक रोड के निर्माण की निगरानी कर रहे सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाया। BLF के बयान के अनुसार, इस हमले में एक सैनिक मारा गया और दूसरा घायल हो गया। बता दें कि बलूचिस्तान कई हिंसक समूहों का गढ़ बन चुका है, जो राज्य के उत्पीड़न के खिलाफ़ बार-बार हमले करते हैं, क्षेत्र के संसाधनों के अधिक हिस्से की मांग करते हैं और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर चिंता करते हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट दावा है कि इस गलियारे के लिए पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान के लोगों के घरों को जला रही है। यही नहीं सेना और पुलिस यहां की महिलाओं की जबरन गिरफ्तारी भी कर रही है।
सेना का किया समर्थन तो जान से धोना पड़ेगा हाथ
BLF ने कहा है कि जो कोई भी सेना के साथ सहयोग करता हुआ या समूह की गतिविधियों की निगरानी करता हुआ पाया जाएगा, उसके साथ दुश्मन जैसा व्यवहार किया जाएगा। BLF का कहना है कि जब तक वो बलूचिस्तान में पाक सेना ज्यादती करती रहेगी, तब तक वो इसी तरह के हमले करते रहेंगे।